राहुल गांधी विवाद पर अमेरिका भी रख रहा नजर, कहा- कानून का शासन किसी भी देश के लोकतंत्र की आधारशिला

अमेरिका कांग्रेस नेता राहुल गांधी (Rahul Gandhi) के अदालती मामले पर नज़र रख रहा है और वाशिंगटन अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता सहित लोकतांत्रिक सिद्धांतों और मानवाधिकारों की सुरक्षा के प्रति साझा प्रतिबद्धता पर भारत के साथ काम करना जारी रखेगा. यह टिप्पणी अमेरिकी सरकार के एक अधिकारी ने की है. गुजरात में सूरत की एक अदालत ने ‘‘मोदी उपनाम” संबंधी टिप्पणी को लेकर कांग्रेस नेता राहुल गांधी के खिलाफ 2019 में दर्ज आपराधिक मानहानि के एक मामले में उन्हें 23 मार्च को दोषी ठहराया तथा दो साल कारावास की सजा सुनाई थी.

अमेरिका का कहना है कि वह इस मामले पर नजर बनाए हुए है. अमेरिकी विदेश विभाग के प्रवक्ता वेदांत पटेल ने कहा कि अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के साथ ही लोकतांत्रिक मूल्यों के लिए अमेरिका एक साझा प्रतिबद्धता (Shared Commitment) के साथ भारत सरकार के साथ जुड़ा हुआ है.

वेदांत पटेल ने राहुल गांधी के निष्कासन के संबंध में एक सवाल का जवाब देते हुए कहा, “कानून का शासन और न्यायिक स्वतंत्रता के लिए सम्मान किसी भीे देश के लोकतंत्र की आधारशिला है, हम भारतीय अदालत में राहुल गांधी के मामले को देख रहे हैं.”

राहुल गांधी से बातचीत से फिलहाल किया इनकार

यह पूछे जाने पर कि क्या अमेरिका भारत या राहुल गांधी के साथ बातचीत कर रहा है, इस पर उन्होंने कहा, “हमारा ऐसा कोई विशेष कार्यक्रम नहीं है… लेकिन जैसा कि आप जानते हैं कि यह सामान्य है और जिन देशों के साथ हमारे द्विपक्षीय संबंध हैं, वहां विपक्षी दलों के सदस्यों के साथ बातचीत के लिए हमारे पास मानक है, लेकिन फिलहाल इस मामले में मेरा कोई विशिष्ट जुड़ाव नहीं है.

2019 में दिए गए एक बयान से बिगड़ा राहुल का खेल

सूरत की अदालत ने हाल ही में कांग्रेस नेता राहुल गांधी को 2019 में कर्नाटक में एक चुनावी रैली के दौरान मोदी सरनेम को लेकर की गई उनकी टिप्पणी पर मानहानि के मामले में दो साल कैद की सजा सुनाई थी. इस सजा के बाद उनकी संसद सदस्यता जा चुकी है. इस मामले को सूरत पश्चिम से भारतीय जनता पार्टी के विधायक पूर्णेश मोदी कोर्ट में ले गए थे. उन्होंने आपराधिक मानहानि का मुकदमा दायर किया था.

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