यूनेस्को (UNESCO) की विश्व धरोहर की सूची में पश्चिम बंगाल में स्थित शांति निकेतन (Shanti Niketan) को शामिल कर लिया गया है। इस पर खुशी जाहिर करते हुए यूनेस्को में भारत के स्थायी प्रतिनिधि विशाल वी वर्मा ने कहा कि भारत इसका जश्न मना रहा है। वहीं, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इसे सभी भारतीयों के लिए गर्व का पल बताया है।
विशाल वी वर्मा ने कहा कि शांति निकेतन को विश्व धरोहर सूची में शामिल किए जाने पर पूरा भारत जश्न मना रहा है। मैं संस्कृति मंत्रालय, भारत सरकार और पुरातत्व विभाग को इसके लिए धन्यवाद देता हूं। शांति निकेतन ग्रामीण बंगाल में स्थित है और यह मशहूर कवि, कलाकार, संगीतकार और दार्शनिक रबींद्रनाथ टैगोर के दर्शन के साथ काम करता है। हम सभी को शांति निकेतन की सार्वभौमिकता के बारे में जानने के लिए लोगों को आमंत्रित करना चाहते हैं।
একথা জেনে আনন্দিত হলাম যে, গুরুদেব রবীন্দ্রনাথ ঠাকুরের স্বপ্ন ও ভারতের সমৃদ্ধ সাংস্কৃতিক ঐতিহ্যের মূর্ত রূপ শান্তিনিকেতন উৎকীর্ণ হয়েছে @UNESCO বিশ্ব পরম্পরা তালিকায়। সব ভারতীয়ের কাছেই এ এক গর্বের মুহূর্ত। https://t.co/Um0UUACsnk
— Narendra Modi (@narendramodi) September 17, 2023
दरअसल, पश्चिम बंगाल के बीरभूम जिले में स्थित सांस्कृतिक स्थल को यूनेस्को को विश्व धरोहर सूची में शामिल करने का प्रयास लंबे समय से चल रहा था। अब सऊदी अरब में चल रहे विश्व धरोहर समिति के 45वें सत्र के दौरान यह फैसला लिया गया है। यूनेस्को की विश्व धरोहर सूची में शांति निकेतन भारत का 41वां विश्व धरोहर स्थल है।
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प्रसिद्ध संरक्षण वास्तुकार आभा नारायण लांबा ने शांति निकेतन को विश्व धरोहर सूची में शामिल कराने के लिए डोजियर तैयार किया था। इसे लेकर साल 2009 में भी डोजियर तैयार किया गया था लेकिन उस समय बात नहीं बन पाई थी। कुछ महीने पहले ही फ्रांस स्थित इंटरनेशनल काउंसिल ऑन मॉन्यूमेंट्स एंड साइट्स (ICOMOS) ने शांति निकेतन को विश्व धरोहर सूची में शामिल करने की सिफारिश की थी। यह एक अंतरराष्ट्रीय गैर सरकारी संगठन है, जो दुनिया के विरासत स्थलों के संरक्षण और संवर्द्धन के लिए समर्पित है।
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