उत्तर प्रदेश के जौनपुर जिले के नेवढ़िया में मांस बेचने से मना करने पर पुलिस पर हमला करने घटना में नया मोड़ आ गया है। घटना के दिन का एक वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हुआ है, जिसमें पुलिसकर्मी दलित लड़कियों को दौड़ा-दौड़कर पीटते दिखाई दे रहे हैं। वहीं, परिवार के लोग लड़कियों को बचाने के लिए चीखते नजर आ रहे हैं।
मिली जानकारी के मुताबिक, पुलिस ने इस मामले में लड़कियों और उनके परिवार पर पुलिसकर्मियों पर हमला करने के आरोप में मुकदमा दर्ज किया है। लेकिन वायरल वीडियो पुलिस की कार्रवाई पर सवाल खड़े कर रहा है। इस वीडियों को कांग्रेस के कई नेताओं ने शेयर करते हुए प्रदेश की योगी सरकार पर निशाना साधा है।
ये है मामला
नेवढ़िया में सीतमसराय चौकी अंतर्गत गुतवन मार्ग पर 30 अगस्त को गुड्डू सोनकर के परिवार के साथ पुलिस वालों का विवाद हुआ था। पुलिस ने बताया कि गुड्डू सोनकर का परिवार अवैध रूप से मांस की बिक्री करता था। रविवार को टोटल लॉकडाउन और मोहर्रम के कारण दुकान खोलने से मना किया गया। इसके बाद भी दुकान खुली थी। दुकान बंद कराने पुलिस वाले पहुंचे तो उन पर ही हमला कर दिया गया।
वहीं, पीड़ित परिवार का कहना है कि लॉकडाउन में उनकी मांस की दुकान खोलने के एवज में पुलिस ने एक हजार रुपये हफ्ता देने को कहा था। परिवार ने कुछ हफ्ते रुपये दिये लेकिन बिक्री नहीं होने से पिछले कुछ हफ्तों से रुपये देने बंद कर दिये। इस पर पुलिस वालों ने लगातार रुपयों के लिए दबाव बनाना शुरू कर दिया। इसी बीच 30 अगस्त को टोटल लॉकडाउन के दौरान भी दुकान खुली देख पुलिस वाले पहुंचे और दुकान बंद करने को कहा।
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परिवार वाले अभी दुकान बंद ही कर रहे थे कि पुलिस वालों ने गाली गलौच शुरू कर दी। विरोध करने पर पीटना शुरू कर दिया। परिवार की लड़कियों को भी दौड़ा दौड़ा कर पीटा गया। परिवार के लोगों ने पुलिसिया कहर की शिकायत अधिकारियों से की तो उल्टे उन लोगों पर ही केस दर्ज कर दिया गया। अब लड़कियों की पिटाई का वीडियो सामने आने पर मामला फिर गरमा गया है।
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