यूपी: पोलियो की खुराक पीने से 9 माह की बच्ची की मौत, देश का ऐसा पहला मामला

ज्ञात हो कि 28 जनवरी, 2017 को पूर्व राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी ने पल्स पोलियो अभियान को हरी झंडी दी थी. इस अभियान की वजह से 17 करोड़ बच्चों को मदद देने और देश को पोलियो मुक्त बनाने की बात भी राष्ट्रपति ने कही थी. बता दें कि देश में पहला ऐसा मामला सामने आया है, जहां पोलियो का खुराक पीने से एक 9 माह की बच्ची की मौत हो गई है. बच्ची की मौत की खबर फैलते ही कई इलाकों में लोगों ने पोलियो ड्राप पिलाने वाले लोगों को भगा दिया है. मामला उत्तर प्रदेश के बांदा जिले का है. जहां 9 माह के बच्ची की कथित तौर पर पोलियो की खुराक पीने के बाद मौत हो गई.


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अधिकारियों में हड़कंप, डीएम ने दिये जांच के आदेश

पोलियो की खुराक पीने से बच्ची की मौत का मामला सामने आने के बाद अधिकारियों में हड़कंप मच गया है. बांदा के डीएम एच लाल ने कहा कि ‘यह दुर्भाग्यपूर्ण है. यह देश का पहला मामला है, जब पोलियो की खुराक से किसी बच्चे की मौत हुई है’. डीएम ने कहा कि इस पूरे मामले की सही जांच की जायेगी ताकि ये साफ हो सके की बच्ची की मौत खुराक की वजह से हुई है या वजह कुछ और है. वहीं डीएम ने मामले की जांच के लिए एक समिति का गठन कर दिया है. उन्होंने कहा कि जांच में जो भी दोषी पाया जाएगा, उस पर उचित कार्रवाई की जाएगी.


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जानें पोलियो की दवा और उसके इंफेक्शन के बारे में

पोलियो वायरल इंफेक्शन से होने वाली एक ऐसी बीमारी है जो ठीक नहीं हो सकती. इसकी चपेट में हमेशा कम उम्र के बच्चे आते हैं. उनका एक अंग पाइरालाइज्ड हो जाता है. इसलिए उन्हें जितनी जल्दी हो सके इससे बचने का प्रयास करना है. नवजात  शिशु से लेकर 5 साल तक के बच्चों को पोलियो की खुराक जरुर पिलानी चाहिए. बच्चे जितने छोटे होते हैं उन्हें इंफेक्शन का खतरा उतना ही ज्यादा होता है. इसलिए जितनी जल्दी हो सके बच्चों को पोलियो ड्रॉप पिलानी चाहिए.


पोलियो के वायरल मांसपेशियों को कमजोर कर देते हैं जिस वजह से बच्चे स्थिर हो जाते हैं. ज्यादातर केस में बच्चों के पैर पर पोलियो अटैक होता है कुछ केस में ये सर के मांसपेशियों पर भी अटैक करता है. कुछ बच्चों को इसमें बुखार आता है. सर दर्द, गर्दन में अकड़न, बांह या पैरों में दर्द  होता है. लेकिन आपको बता दें कि 70 प्रतिशत केस में कोई लक्षण नहीं दिखाई देते. ये बीमारी पोलियो टीका से दूर हो सकती है और जितनी बार डॉक्टर बोले बच्चों को पोलियो ड्रॉप पिलाने जरुर ले जाएं.


OPV नवजात शिशुओं को दिया जाता है और फिर तीन डोज OPV और IPV के चौथे, छठे, दसवें और चौदहवें सप्ताह में दिया जाता है. इसके साथ ही OPV और IPV के बुस्टर ड्रॉप दिए जाते हैं. इसे फिर 5 साल में दिया जाता है. इन पोलियो डोज के साथ  हर साल राष्ट्रीय इम्यूनाइजेशन डे के दिन सरकार की तरफ से जरुर से पोलियो ड्रॉप दिया जाता है. इस वजह से कई इलाकों तक बच्चे पोलियो ड्रॉप पहुंच पाता है.


देश से पोलियो को जड़ से खत्म करना बहुत बड़ा काम नहीं है. इसके लिए पोलियो वैक्सीन समय पर दिलवाना जरुरी है. ये हमारी जिम्मेदारी है कि हम पोलियो से अपने बच्चों को बचाएं और उनका अच्छी तरीके से विकास हो. नए माता पिता को भी जरुर पोलियो को जड़ से खत्म करने में सक्रिय भागेदारी निभानी चाहिए और बाकी लोगों के बीच जागरुकता बढ़ानी चाहिए.


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