कोरोना वायरस महामारी की वजह से जारी लॉकडाउन में जहां एक ओर सामूहिक कार्यक्रम, सभा और जलसा करने पर रोक है तो वहीं कुछ शर्तों के साथ शादी में कुछ छूट भी दी गई है। इसके बावजूद भी बहुत से ऐसे लोग हैं, जो शादी करने के लिए साहस नहीं जुटा पा रहे हैं। उन्हें इस बात का डर सता रहा है कि अगर प्रशासन द्वारा दी गई शर्तों के इतर कुछ भी हो गया तो जाने क्या होगा। कुछ ऐसा ही मामला उत्तर प्रदेश के कानपुर (Kanpur) में देखने को मिला। यहां के चौबेपुर के मोहनुपर गांव में एक अनोखी शादी देखने को मिली। इस शादी में बारात लेकर दूल्हा नहीं बल्कि दुल्हन अपने ससुराल पहुंच गई क्योंकि दूल्हा बारात ले जाने की हिम्मत नहीं जुटा पा रहा था।
सूत्रों ने बताया कि मोहनपुर गांव में प्रधान वीरेंद्र कुमार की शादी चर्चा का विषय बनी हुई है। आमतौर पर दूल्हा ही बारात लेकर दुल्हन को लेने जाता है, लेकिन लॉकडाउन की वजह से प्रधान बारात ले जाने की हिम्मत नहीं जुटा पाया। जबकि बारात महज 2 किलोमीटर दूरी पर ही जानी थी। दूल्हे ने जब अपनी समस्या वधु पक्ष को बताई तो कल्याणपुर के गोवा गार्डन निवासी दुल्हन कंचन सुबह ही अपने माता-पिता और कुछ रिश्तेदारों के साथ शादी करने दूल्हे के घर पहुंच गई।
ऐसे में दुल्हन के स्वागत के लिए दुल्हे ने गांव के प्रवेश द्वार से लेकर घर में बने मंडप तक को कई बार सैनिटाइज करवाया। शादी में शामिल सभी रिश्तेदार मास्क लगाए और सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते नजर आए। दुल्हे ने खुद दुल्हन पक्ष के लोगों के हाथ सैनिटाइज करवाकर उनका अभिवादन किया। इसके बाद पंडितजी ने सभी रस्मों को निभाते हुए शादी संपन्न कराई।
दूल्हे वीरेंद्र कुमार ने बताया कि लॉकडाउन की वजह से उसे समझ नहीं आ रहा था कि बारात कैसे और कितने लोगों को साथ ले जाए। अंत में इसकी चर्चा उसने दुल्हन से की तो दुल्हन खुद बारात लेकर दूल्हे के घर पहुंच गई। दुल्हन के पिता गोपीचंद ने बताया कि शादी पहले ही तय थी, लेकिन लॉकडाउन में कई तरह की बंदिशें थी। बावजूद इसके सभी नियमों का पालन करते हुए शादी संपन्न कराई गई। बता दें कि इससे पहले कानपुर (Kanpur) में ही एक ऐसा ही मामला सामने आया था, जिसमें कानपुर से चलकर बिहार गई बारात 48 दिनों तक लॉकडाउन की वजह से वहीं फंसी रह गई थी।
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