उत्तर प्रदेश ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट-2023 (UP GIS-2023) के जरिए निवेश जुटाने के योगी सरकार (Yogi Government) के प्रयासों का बेहतर परिणाम निकलकर सामने आया है। निवेश प्रस्तावों का आंकड़ा 21 लाख करोड़ रुपए तक पहुंच चुका है, जो राज्य सरकार द्वारा तय किए गए संशोधित लक्ष्य 17 लाख करोड़ से अधिक है।
जानकारी के अनुसार, निवेशकों की सबसे अधिक रुचि मैन्यूफैक्चरिंग सेक्टर में देखने को मिली है। कुल निवेश प्रस्तावों का 50 प्रतिशत इसी सेक्टर के खाते में जाता नजर आ रहा है। मैन्यूफैक्चरिंग सेक्टर में इतने बड़े पैमैने पर मिल रहे निवेश प्रस्ताव योगी सरकार की नीतियों और प्रोत्साहन को मुहर लगा रहे हैं।
बता दें कि प्रदेश की योगी सरकार निवेशकों को कैपिटल सब्सिडी के साथ-साथ स्टांप ड्यूटी में छूट समेत कई रियायतें दे रही है। मैन्युफैक्चरिंग के बाद दूसरा नंबर कृषि क्षेत्र का रहा है। 15 प्रतिशत निवेश के प्रस्ताव और एमओयू कृषि क्षेत्र में हुए हैं।
वहीं, आधारभूत संरचना के क्षेत्र में आठ प्रतिशत, टेक्सटाइल में सात प्रतिशत और पर्यटन में पांच प्रतिशत निवेश प्रस्ताव उत्तर प्रदेश सरकार को अब तक हासिल हुए हैं। इसके अलावा शिक्षा, आइटी एंड इलेक्ट्रानिक्स, हेल्थकेयर, वेयरहाउसिंग एंड लाजिस्टिक, सौर ऊर्जा और फार्मास्युटिकल्स और मेडिकल डिवाइसेज सेक्टर में भी बड़े पैमाने पर एमओयू हुए हैं।
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यूपी का पश्चिमी हिस्सा भी निवेश खींचने में सबसे अधिक सफल रहा है। कुल निवेश प्रस्तावों और एमओयू का 45 प्रतिशत हिस्सा इसी क्षेत्र के खाते में गया है। इसकी वजह इस क्षेत्र का दिल्ली से जुड़ाव और यहां का बेहतर इंफ्रास्ट्रक्चर भी है। पश्चिमांचल के साथ ही प्रदेश का पूर्वी हिस्सा यानी पूर्वांचल भी निवेशकों को लुभा रहा है। इस क्षेत्र को भी औद्योगिक नीति के तहत कई तरह की रियायतें मिली हैं।
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