कानपुर: बिना अनुमति चौकी में पढ़ी गई नमाज़, शहर काजी बोले- मुल्क सेक्युलर है, इसीलिए कहीं भी पढ़ लेते

उत्तर प्रदेश के कानपुर (Kanpur) में पुलिस चौकी में बिना पुलिस की परमिशन के नमाज (Namaz Inside Police Chowki) पढ़ने के मामला सामने आया है। शहर काजी हाफिज अब्दुल कुद्दूस (Hafiz Abdul Quddus) ने तीन-चार लोगों के साथ मिलकर पुलिस चौकी में नमाज पढ़ी, जिसका वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। पूरा मामला चकेरी थाने की श्यामनगर पुलिस चौकी का है। पुलिस चौकी में नमाज पढ़ने का वीडियो वायरल होने के बाद अब शहर काजी ने बयान जारी कर सफाई दी है।


शहर काजी हाजी अब्दुल कुद्दूस ने कहा कि वह चार लोगों के साथ क्षेत्र में मदरसे के विवाद के संबंध में पुलिस चौकी गए थे। इसी दौरान नमाज का वक्त हो गया। इसके चलते उन्होंने बिना पुलिस की अनुमति के चौकी में नमाज पढ़ना शुरू कर दिया। उन्होंने कहा कि चूंकि हमारा मुल्क सेक्युलर है, इसलिए हम कहीं भी नमाज पढ़ लेते हैं। उनका उद्देश्य किसी की भावनाओं को आहत करना नही था।


जानकारी के अनुसार, श्याम नगर स्थित सेंगर चौराहे के पास स्थित एक प्लाट में शिक्षण संस्थान (मदरसा) चलता है। बुधवार शाम को कुछ लोग वहां प्रार्थना करने के लिए एकत्रित हुए थे। इस पर दूसरे पक्ष के लोगों ने आपत्ति जताई तो संस्थान के लोगों से विवाद हो गया। हंगामा बढ़ने की सूचना पर पुलिस भी पहुंची और दोनों पक्षों के लोगों को बातचीत के लिए श्याम नगर चौकी ले जाया गया।


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एसीपी अनवरगंज मो. अकमल खां और थाना प्रभारी अमित तोमर के सामने विरोध करने वालों ने आरोप लगाया कि हर बार शुक्रवार को शिक्षण संस्थान में बाहरी लोग आते हैं। इससे क्षेत्रीय लोगों को समस्या होती है। इसके बाद निर्णय लिया गया कि शुक्रवार को कोई भी बाहरी व्यक्ति प्रार्थना में शामिल नहीं होगा। एसीपी मो. अकमल खां ने बताया कि दोनों पक्षों को समझाकर शांत कराया गया है। एक पक्ष को बाहरी लोगों के आने पर आपत्ति है।


बातचीत के दौरान एक पक्ष के लोगों ने चौकी में ही नमाज अदा की। इंटरनेट मीडिया पर इसका वीडियो वायरल हो रहा है। शहर काजी हाफिज अब्दुल कुद्दूस ने कहा कि समझौते के वक्त नमाज का समय हो गया था। इसीलिए चौकी में नमाज अदा की गई। हमारा मकसद किसी की भावनाओं को ठेस पहुंचाना नहीं था। हमें यकीनी तौर पर नमाज पढ़ने के लिए परमिशन लेनी चाहिए थी। अगर किसी को हमारे नमाज अदा करने से ठेस पहुंची हो तो उसके लिए हम तहे दिल से माफी मांगते हैं।


INPUT- Prabhakar Srivastava


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