अयोध्या के इस कॉलेज में गूंजे ‘लेके रहेंगे आजादी’ के नारे, 6 छात्रों पर दर्ज हुआ देशद्रोह का मुकदमा

उत्तर प्रदेश के अयोध्या के एक कॉलेज में लेके रहेंगे आजादी के नारे लगाने का मामला सामने आ रहा है. प्रिंसिपल की तहरीर पर पुलिस ने 6 छात्रों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया है. पुलिस की विवेचना में आरोप सही पाए गए हैं, जिसके बाद छात्रों के खिलाफ देशद्रोह की धारा 124A और जोड़ दी है. वहीं इस मामले पर प्रिंसिपल का कहना है कि हम जेएनयू की तरह यहां छात्रों को राष्ट्रविरोधी नारों की अनुमति नहीं दे सकते.


दरअसल, छात्र संघ के चुनाव की मांग को लेकर बीते 13 दिसंबर को साकेत कॉलेज के कुछ छात्रों ने बेमियादी धरना शुरू किया था. तीन दिनों तक चले इस प्रदर्शन के बाद कॉलेज के प्रशासनिक अधिकारियों ने छात्रों से बात की और एक समिति का गठन करने का आश्वासन दिया. कहा गया कि यह समिति 28 दिसंबर को चुनाव की अनुशंसा देगी. उसी रिपोर्ट के आधार पर चुनाव का निर्णय लिया जाएगा. जिस पर छात्रों ने धरना समाप्त कर दिया, लेकिन इसके अगले दिन 18 दिसंबर से 4 जनवरी तक के लिए छुट्टी घोषित कर दी गई.


इससे छात्र फिर भड़क गए. नारेबाजी करते हुए मुख्य गेट पर ताला जड़ दिया. सूचना पाकर पहुंची पुलिस से भी झड़प हुई. वहीं, कुछ छात्र कॉलेज के छत पर चढ़ गए और चुनाव की तारीख घोषित न करने पर कूदने की धमकी दी थी. जिला प्रशासन और कॉलेज प्रशासन के साथ वार्ता के बाद 28 दिसंबर को चुनाव पर निर्णय लेने का भरोसा दिया.


इस बीच प्राचार्य डॉक्टर नर्वदेश्वर पांडे ने अयोध्या कोतवाली में छह छात्रों के खिलाफ तहरीर दे दी. प्राचार्य ने तहरीर में आंदोलनकारी छात्र छात्राओं और प्रोफेसर के साथ अभद्र व्यवहार करने, कॉलेज के बैनर व संपत्ति जलाने, चौकीदार के घर का ताला तोड़ कर अराजकता कायम करने का आरोप लगाया है. जिसपर 18 दिसंबर को ही पुलिस ने केस दर्ज कर लिया. बाद में देशद्रोह की भी धारा 124A भी जोड़ दी गई.


कॉलेज के प्राचार्य ने जो शिकायत दी है उसके मुताबिक “7 दिसंबर से कॉलेज में प्रवेश प्रक्रिया जारी है और क्लास भी शुरू हो चुकी हैं. इसी दौरान कुछ बाहरी, एंटी सोशल तत्व और कथित तौर पर नेताओं ने छात्र संघ चुनाव की मांग को लेकर प्रदर्शन शुरू कर दिया. 16 दिसंबर को ये छात्र कॉलेज में घुसे और मुख्य गेट लॉक कर दिया. उन्होंने शिक्षकों के साथ गलत तरीके से बर्ताव किया. उन्होंने क्लास में बाधा पहुंचाई. इसके साथ ही उन्होंने ‘ले के रहेंगे आजादी’ जैसे अभद्र और राष्ट्रविरोधी नारे लगाए. इन घटनाओं की वजह से छात्रों के मन में डर का माहौल है.”


इंडियन एक्सप्रेस से बात करते हुए प्राचार्य बताते हैं कि ‘छात्रों ने ठीक वही नारे लगाए जो जवाहर लाल नेहरू यूनिवर्सिटी में लगाए गए थे. वो कह रहे थे कि वो आजादी के लिए लड़ेंगे. वो किस तरह की आजादी चाहते हैं? वो चुनाव करवाना चाहते हैं, लेकिन अभी तक हम एडमिशन की प्रक्रिया में ही हैं. अभी चुनाव कैसे करवाए जा सकते हैं?’ वहीं प्रदर्शनकारी छात्रों का कहना है कि वे प्राचार्य और चीफ प्रॉक्टर से आजादी चाहते हैं. लेकिन अब प्राचार्य कह रहे हैं कि उन्होंने राष्ट्र विरोधी नारे लगाए हैं.


बता दें कि साकेत कॉलेज प्रशासन ने छात्र संघ चुनाव की तारीख 10 फरवरी घोषित कर दी है. छात्रों का आंदोलन इसी के साथ खत्म हो गया है. पुलिस ने 18 दिसंबर को 6 लोगों इमरान हाशमी, मोहित यादव, सुमित तिवारी, शेष नारायण पांडे, सत्विक पांडे, और मनोज मिश्रा के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 124A (देशद्रोह), 147 (दंगा भड़काने), 506 (आपराधिक धमकी) के साथ सरकारी काम में बाधा पहुंचाने की धारा में भी अपराध दर्ज किया गया है. पुलिस का कहना है कि मामले की जांच चल रही है.


Also Read: कृषि कानून का गुस्सा अंबानी की कंपनी पर निकाल रहे किसान, रिलायंस Jio के 1411 टावरों को पहुंचाया नुकसान


( देश और दुनिया की खबरों के लिए हमें फेसबुक पर ज्वॉइन करें, आप हमें ट्विटर पर भी फॉलो कर सकते हैं. )