उत्तर प्रदेश के महोबा (Mahoba) जनपद में व्यापारी इंद्रकांत त्रिपाठी को आत्महत्या के लिए उकसाने के मुख्य आरोपी भगोड़े आईपीएस अधिकारी मणिलाल पाटीदार (IPS Manilal Patidar) की संपत्ति कुर्क करने के लिए यूपी पुलिस मंगलवार को अदालत का रुख करेगी। इस मामले के जांच अधिकारी प्रयागराज के एसपी (अपराध) आशुतोष मिश्रा ने मीडिया को बताया कि एक अदालत द्वारा पाटीदार और दो अन्य आरोपियों, निरीक्षक देवेंद्र शुक्ला और कांस्टेबल अरुण यादव को नवंबर, 2020 में भगोड़ा घोषित किया जा चुका है।
एसपी क्राइम ने बताया कि जहां शुक्ला को बाद में गिरफ्तार कर लिया गया, वहीं यादव ने एक अदालत के समक्ष आत्मसमर्पण कर दिया। उन्होंने कहा कि हम फरार आईपीएस की संपत्तियों को कुर्क करने के लिए 15 जून को अदालत में अपील दायर करेंगे। एएसपी ने कहा कि पाटीदार की संपत्तियों में अहमदाबाद में खरीदा गया एक फ्लैट और राजस्थान के डोंगरपुर जिले में 2 बीघा जमीन है। कुर्की के लिए इनकी पहचान कर ली गई है।
मिश्रा ने कहा कि हमने पाटीदार के घर पर उसे भगोड़ा अपराधी घोषित करने का एक अदालती आदेश भी चिपकाया है। आईपीएस पाटीदार ने 27 मार्च को अपने परिवार के सदस्यों को व्हाट्सएप से आखिरी कॉल की थी, लेकिन उसका पता नहीं चल सका क्योंकि उसने सेल फोन को नष्ट कर दिया था। सूत्रों ने कहा कि पाटीदार ने पिछले साल दिसंबर में अपने माता-पिता और पत्नी के बैंक खाते में 17 लाख रुपये ट्रांसफर किए थे।
पाटीदार उस वक्त महोबा के एसपी थे, जब स्टोन क्रेशर यूनिट के मालिक त्रिपाठी ने पिछले साल 8 सितंबर को कथित तौर पर खुद को गोली मार ली थी। त्रिपाठी के परिवार ने पाटीदार पर आरोप लगाया था कि वह त्रिपाठी से क्रेशर यूनिट पर काम जारी रखने के लिए पैसे की मांग कर रहा था।
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