भाजपा नेता दयाशंकर सिंह के परिवार की महिलाओं और उनकी बेटी पर अर्मयादित टिप्पणी करने के मामले में एमपी-एमएलए कोर्ट के विशेष न्यायाधीश पवन कुमार राय ने हाजिर नहीं होने पर बसपा के पूर्व महासचिव नसीमुद्दीन सिद्दीकी (Nasimuddin Siddiqui) और राम अचल राजभर (Ram Achal Rajbhar) को भगोड़ा घोषित करते हुए उनकी संपत्ति कुर्क करने का आदेश दिया है।
कोर्ट ने खारिज किया हाजिरी माफी का प्रार्थना पत्र
जानकारी के अनुसार, इस मामले की अगली सुनवाई 22 फरवरी को होनी है। लखनऊ के हजरतगंज थाने से संबंधित साल 2016 के 2 मामले कोर्ट में हाजिरी के लिए नियत थे। इनमें आरोपी मेवालाल गौतम, अतर सिंह राव और नौशाद अली हाजिर थे, लेकिन नसीमुद्दीन सिद्दीकी और राम अचल राजभर गैर हाजिर थे।
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इन दोनों आरोपियों की ओर से हाजिरी माफी और मुकदमे में तारीख देने की मांग वाली अर्जी दी गई। कोर्ट ने पहले मामले में कहा कि दोनों आरोपियों का गिरफ्तारी वारंट जारी होने और भगोड़ा घोषित होने के बाद भी हाजिर नहीं हो रहे हैं। ऐसे में इनका हाजिरी माफी और स्थगन प्रार्थना पत्र पोषणीय न होने के कारण खारिज किया जाता है।
22 तक दोनों की संपत्ति कुर्क कर रिपोर्ट देने का आदेश
कोर्ट ने दोनों आरोपियों नसीमुद्दीन सिद्दीकी और राम अचल राजभर को फरार घोषित कर संबंधित थाना प्रभारी को उनकी संपत्ति कुर्क कर 22 फरवरी तक रिपोर्ट देने का आदेश दिया है। आरोपियों के बयान के लिए नियत दूसरे मामले की सुनवाई के दौरान कोर्ट ने कहा कि दोनों के हाजिर न होने से मुकदमे की कार्रवाई आगे नहीं बढ़ पा रही है। इस पर कोर्ट ने भगोड़ा घोषित करते हुए 82 दंड प्रक्रिया संहिता का आदेश जारी कर जमानतदारों को नोटिस दिए हैं।
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