यूं तो उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव 2022 में होने हैं, लेकिन विपक्ष के साथ ही एनडीए के घटक दल अभी से भाजपा की परेशानियां बढ़ाने लगे हैं। निर्बल इंडियन शोषित हमारा आम दल (Nishad Party) ने अपनी ताकत दिखाने के लिए 13 जनवरी को गोरखपुर में संकल्प दिवस मनाने के साथ आरक्षण महारैली करने का ऐलान कर दिया है।
सोमवार को निषाद पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. संजय निषाद ने केंद्र की बीजेपी सरकार को कॉर्पोरेट सरकार बता डाला। उन्होंने कहा कि किसी भी सरकार को चलाने के लिए पॉलिटिकल पार्टनरशिप की जरूरत होती है। कांग्रेस के समय विदेशी कंपनियां, समाजवादी पार्टी के समय अमर सिंह एंड कंपनी थी। वहीं बसपा के समय सतीश मिश्रा एंड कंपनी तो वर्तमान सरकार में भी कंपनियां हैं।
संजय निषाद ने कहा कि ये लोग राजनीति एवं बजट के हिस्सेदार होकर सबल होते हैं। वहीं देश के वोटर राजनीति एवं बजट के शिकार हो रहे हैं, इसलिए निर्बल हैं। उन्होंने कहा कि देश का असली भगवान वोटर है, वोटर पॉलिटिकल पार्टनर बनेगा तभी देश की गरीबी खत्म होगी। संजय निषाद ने कहा कि आज थाने पर 10 दारोगा हैं तो 4 सपाई हैं, 3 बसपाई हैं। बाकी जिसकी सरकार रहती है, उसके हैं। यही हाल अन्य विभागों में भी है।
निषाद पार्टी के अध्यक्ष ने कहा कि देश को आजाद कराने वाले मछुआ समुदाय, निषाद एवं अति पिछड़ी जाति के लोग कहां हैं? उनकी भागीदारी का वक्त आ गया है। चाहे सत्ता हो, शिक्षा हो या रोजगार हो। संजय निषाद ने कहा कि गोरखपुर उनकी कर्मभूमि के साथ जन्मभूमि भी है, 2018 और 2019 में निषाद पार्टी ने यहां से चुनाव लड़ा और जीता भी। लोकसभा चुनाव के दौरान भाजपा ने कई वायदे किए थे पर वो पूरे नहीं हुए।
संजय निषाद ने कहा कि लोकसभा चुनाव के दौरान हमारे लोगों ने निषाद जाति के प्रत्याशी को वोट न देकर भाजपा को वोट दिया था, उन्हें उम्मीद थी कि भाजपा उन्हें आरक्षण जरूर देगी, लेकिन आरक्षण नहीं मिला। मौजूदा योगी सरकार को नौकरशाहों ने घेर रखा है।
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