योगी सरकार पर बरसे अखिलेश, बोले- ग्रामीण इलाकों में जानलेवा साबित हो रहा कोरोना संक्रमण को लेकर सरकार का ‘झूठ’

समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) ने ग्रामीण इलाकों में कोरोना संक्रमण (Corona Infection) के बढ़ते मामलों पर चिंता जाहिर करते हुए योगी सरकार (Yogi Government) पर बड़ा आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि कोरोना संक्रमण को लेकर भाजपा सरकार का झूठ गांव-देहात के इलाकों में बेहद जानलेवा साबित हो रहा है।


सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने ट्वीट कर रहा कि उत्तर प्रदेश के गांव-गांव तक कोरोना वायरस संक्रमण का फैलना बहुत चिंताजनक है। गांव-तहसील में जब बुखार की दवाइयों तक की भारी किल्लत है तो ऑक्सीजन, बेड या टीके की क्या उम्मीद की जाए। भाजपा सरकार का ये झूठ कि यूपी में कोरोना न के बराबर है, ग्रामीण इलाकों में बेहद जानलेवा साबित हो रहा है।


Also Read: अखिलेश यादव ने दी ममता बनर्जी को बधाई, बोले- ये भाजपाइयों के एक महिला पर किए गए अपमानजनक कटाक्ष का मुंहतोड़ जवाब है


गौरतलब है कि ग्रामीण इलाकों में कोरोना संक्रमण के बढ़ते मामलों के मद्देनजर योगी सरकार ने 4 मई से इन क्षेत्रों में बड़े पैमाने पर जांच अभियान चलाने का फैसला किया है। कोविड प्रबंधन की निगरानी के लिए गठित टीम-9 को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने रविवार को निर्देश दिया कि कोविड संक्रमण से हमें गांवों को बचाना होगा। गांवों के प्रति विशेष सतर्कता की जरूरत है। ऐसे में चार मई से प्रदेश के सभी 97 हजार राजस्व गांवों में कोविड टेस्टिंग का बड़ा अभियान चलाया जाए। इसके लिए सभी जरूरी तैयारियां कर ली जाएं।


सीएम योगी ने कहा कि रैपिड रेस्पांस टीम की संख्या बढ़ाई जाए। इस दौरान खांसी बुख़ार और जुकाम जैसे लक्षणों वाले लोगों का टेस्ट कर तत्काल उन्हें आइसोलेशन में भेजा जाएगा। घर में आइसोलेशन की व्यवस्था न होने पर सरकार इसकी व्यवस्था करेगी। बाहर से पंचायत चुनाव में सिर्फ़ वोट डालने आए लोगों पर कड़ी नज़र रहेगी। इसके अलावा सभी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पर जरूरी सुविधाओं से युक्त अस्पताल तैयार करने के निर्देश दिए गए हैं।


सीएम योगी ने मीटिंग में साफ तौर पर अफसरों की जबावदेही तय करने के के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा है कि जिलों में विशेष टीम गठित करने की जरूरत मुख्यमंत्री ने जताई है। साथ ही कहा है कि अधिकारियों को जिम्मेदारी दी जाए, कि किसी तरह की लापरवाही न हो। उसकी निगरानी हो और अधिकारियों की जवाबदेही तय हो। उन्होंने दोहराया कि सभी जिलाधिकारी और मुख्य चिकित्सा अधिकारी अपने जनप्रतिनिधियों और क्षेत्रीय जनता के सतत संपर्क में रहें।


( देश और दुनिया की खबरों के लिए हमें फेसबुक पर ज्वॉइन करें, आप हमें ट्विटर पर भी फॉलो कर सकते हैं. )