अखिलेश यादव ने ‘खजांची’ के परिवार को लखनऊ बुलाकर मनाया जन्‍मदिन, नोटबंदी से जुड़ी है कहानी

समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) ने सोमवार को लखनऊ स्थित अपने पार्टी कार्यालय पर खजांची (Khajanchi) का चौथा जन्मदिन मनाया. पूर्व सीएम ने उन्होंने खजांची को बतौर उपहार खिलौने में मेट्रो ट्रेन दी और आशीर्वाद स्वरूप नकद राशि दी. खजांची का जन्म चार साल पहले तब हुआ जब उसकी मां नोटबंदी की घोषणा के बाद अपने नोट बदलने के लिए लाइन में लगी थीं. अखिलेश यादव ने जानकारी होने पर उनकी पूरी मदद की. तब से हर साल अखिलेश यादव खजांची का जन्मदिन मनाते हैं.


सोमवार को अखिलेश यादव ने खजांची यादव के परिवार को लखनऊ बुलाया था. यहां से सपा जिलाध्यक्ष प्रमोद यादव व अनंतपुर के पूर्व प्रधान नीरू सिंह व संजय यादव परिवार को लेकर सपा कार्यालय लखनऊ गए थे. जहां अखिलेश यादव ने केक काटकर जन्मदिन मनाया. उन्होंने खजांचीनाथ को उपहार भी दिया. इस दौरान खजांची की मां सर्वेशा, बहन प्रीति, भाई शिवा, धीरेंद्र व गगन भी साथ में थे. सपा जिलाध्यक्ष प्रमोद यादव ने बताया कि सपा राष्ट्रीय अध्यक्ष के निर्देश पर उसके परिवार को लखनऊ लेकर गए थे. अब वापस उसके परिवार को लेकर आ रहे है और उनके घर सकुशल छोड़ेंगे.


कैसे पड़ा खजांची नाम ?

दरअसल, जब पीएम मोदी द्वारा नोटबंदी का ऐलान किया गया, उस समय कानपुर के झींझक इलाके की रहने वाली सर्वेशा देवी नामक महिला 2016 में प्रेग्नेंट थी. सपेरा जाति से ताल्लुक रखने वाली महिला के पति की प्रेगनेंसी के दौरान हो गई थी. जब नोटबंदी हुई तो उस समय सर्वेशा 9 माह की प्रेग्नेंट थी. नोटबंदी के कारण उसे रुपए जमा करने और निकालने के लिए बैंक में लाइन में लगना पड़ा. 2 दिसंबर, 2016 को पंजाब नेशनल बैंक में वह पांच घंटे तक लाइन में लगी रही, तभी उसे प्रसव पीड़ा हुई और उसने बैंक में ही बच्चे को जन्म दे दिया. अखिलेश यादव को जब ये पता चला तो उन्होंने ही बच्चे का नामकरण किया और उसे खजांची नाम दे दिया. इसके बाद अखिलेश ने बच्चे की मां को 2 लाख रुपए की आर्थिक सहायता दी थी.


खजांची को दिए थे 2 लाख रुपए

अखिलेश खजांची को समय-समय पर याद करते हैं. 2 दिसंबर, 2017 को अखिलेश यादव ने खजांची का जन्मदिन भी मनाया था. एक साल पहले खजांची बीमार पड़ा तो उसमें करीब 60 हजार रुपए खर्च हुए. अखिलेश ने खजांची का जन्मदिन मनाते हुए केंद्र सरकार पर तंज कसा था कि नोटबंदी में बैंक की क़तार में जन्मा ‘ख़ज़ांची’ एक साल का हो गया, लेकिन उसके घरवालों का खाता आज भी ख़ाली है. अखिलेश यादव हर साल खजांची को अपने पार्टी कार्यालय बुलाकर उसका जन्मदिन मनाते हैं.


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