उत्तर प्रदेश के कासगंज जनपद में दस साल के मासूम को अपहरणकर्ताओं के चंगुल से छुड़ाने का भरोसा दिलाने वाली पुलिस नाकाम रही। मासूम का शव गांव से करीब 200 मीटर की दूरी पर बरामद हुआ। अपहरणकर्ताओं ने मासूम के परिजनों से 40 लाख रुपए की फिरौती मांगी थी, लेकिन पकड़े जाने के डर से उसकी हत्या कर दी। समाजवादी पार्टी की प्रवक्ता जूही सिंह (Juhie Singh) ने इस सनसनीखेज वारदात के लिए प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य और पीएमओ को जिम्मेदार ठहराया है।
सपा प्रवक्ता जूही सिंह ने गुरुवार को मृतक बच्चे की रोती हुई मां का वीडियो ट्विटर पर शेयर करते हुए लिखा कि कासगंज में 10 साल के बच्चे का अपहरण,फिरौती की माँग और तीन दिन बाद बच्चे की लाश मिली, इस माँ के आँसू दिख रहे हैं आपको ? उसकी रोने की आवाज कानो तक पहुँच रही है कि नहीं? @myogiadityanth @kpmaurya1
@PMOIndia इस भयावह स्थिति के लिए? आप लोग जिम्मेदार हैं।
मुठभेड़ में एक आरोपी गिरफ्तार, 2 फरार
बता दें कि पुलिस ने आज सुबह मुठभेड़ में एक आरोपी को तो गिरफ्तार कर लिया, लेकिन दो अन्य अभी भी फरार हैं। परिजनों का कहना है कि अगर पुलिस समय रहते कार्रवाई करती तो आज उनका बच्चा जिंदा होता। यह पूरा मामला कासगंज के थाना सिढ़पुरा क्षेत्र के गांव पिथनपुर का है। किसान किशनवीर का 10 वर्षीय बेटा लोकेश बीते सोमवार की सुबह अपने घर से खेलने के लिए एक मंदिर की तरफ गया था, लेकिन घर नहीं लौटा।
Also Read: जेल से छूटने के बाद सोमनाथ भारती बोले- मैं आज भी हूं अपने बयान पर कायम, निकाला गया गलत मतलब
परिजनों ने उसे बहुत ढूंढने का प्रयास किया, लेकिन जब कहीं पता नहीं चला तो इसकी शिकायत लेकर थाने पहुंचे। पुलिस अधिकारी बुधवार को समय सकते में आ गए, जब एक व्यक्ति द्वारा लोकेश के परिजनों को फोन कर 40 लाख रुपये की फिरौती मांगी गई। अपहरणकर्ता ने कहा कि अगर 40 लाख रुपये नहीं मिले तो वे लोकेश की हत्या कर देंगे।
पुलिस ने सकुशल बरामद करने का दिलाया था भरोसा
पुलिस ने परिजनों को भरोसा दिलाया कि लोकेश को सकुशल बरामद कर लिया जाएगा, लेकिन इससे पहले कि पुलिस अपना जाल बिछाकर अपहरणकर्ताओं तक पहुंचती, उन्होंने लोकेश की हत्या कर दी। कासगंज पुलिस ने आज सुबह एक अपहरणकर्ता अजय को पुलिस मुठभेड़ के बाद गिरफ्तार कर लिया है। अजय के पैर में गोली लगी है। उसे गंभीर हालत में अलीगढ़ मेडिकल कॉलेज रेफर किया गया है, लेकिन इस मामले में दो अन्य आरोपी अभी भी फरार हैं।
Also Read: मायावती के खास रहे नसीमुद्दीन सिद्दीकी और राम अचल राजभर भगोड़ा घोषित, संपत्ति कुर्क करने का आदेश
वहीं, लोकेश का शव मिलने के बाद उसके परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल है। परिजनों का कहना है कि बुधवार सुबह जब वे थाने गए थे, अगर उसी समय पुलिस ने तत्परता से कार्रवाई की होती तो उनका बच्चा शायद आज जिंदा होता। जब फिरौती की कॉल आई, तभी पुलिस ने मामले को गंभीरता से लिया।
इधर, कासगंज पुलिस का कहना है कि परिवार ने बच्चे के लापता होने की सूचना फेसबुक पर डाल दी थी। पकड़े जाने के डर से अपहरणकर्ताओं ने लोकेश की हत्या कर दी। एएसपी आदित्य प्रकाश वर्मा ने कहा कि पुलिस की तीन टीमें लगाई गई हैं। जल्द ही अन्य आरोपियों को भी गिरफ्तार कर लिया जाएगा।
( देश और दुनिया की खबरों के लिए हमें फेसबुक पर ज्वॉइन करें, आप हमें ट्विटर पर भी फॉलो कर सकते हैं. )