उत्तर प्रदेश में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और गन्ना मंत्री सुरेश राणा की सख्ती का बड़ा असर देखने को मिला है। बीते 15 दिनों के भीतर प्रदेश की विभिन्न चीनी मिलों (Sugar mills) द्वारा 3814 करोड़ रुपए के गन्ना बकाये का भुगतान किसानों को कर दिया गया है। यही नहीं, करीब 2000 करोड़ रुपए के शेष भुगतान को भी जल्द से जल्द कराने के लिए गन्ना विभाग लगातार चीनी मिलों पर दबाव बनाता नजर आ रहा है।
अपर मुख्य सचिव एवं आयुक्त गन्ना एवं चीनी विभाग संजय आर भूसरेड्डी के मुताबिक, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और गन्ना मंत्री सुरेश राणा द्वारा पिछले पेराई सत्र के साथ मौजूदा पेराई सत्र के गन्ना मूल्य का तत्काल शत-प्रतिशत भुगतान कराने का निर्देश दिया गया है। इसके तहत गन्ना विभाग और चीनी मिलों के अधिकारियों की लगातार हो रही बैठकों में न सिर्फ शत-प्रतिशत गन्ने के बकाया भुगतान के लिए दबाव बनाया जा रहा है।
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उन्होंने बताया कि पेराई सत्र 2019-20 का अब तक बकाया भुगतान न करने वाली 45 चीनी मिलों और मौजूदा पेराई सत्र 2020-21 में निर्धारित समय पर भुगतान न देने वाली 104 चीनी मिलों के खिलाफ नोटिस भी जारी कर दिया गया है। इसी के चलते ही बीते 15 दिनों के भीतर 3814 करोड़ का रिकॉर्ड बकाया भुगतान कराया गया है।
अपर मुख्य सचिव एवं आयुक्त गन्ना एवं चीनी विभाग संजय आर भूसरेड्डी ने कहा कि अब पेराई सत्र 2019-20 का जहां सिर्फ करीब 2 हजार करोड़ का बकाया भुगतान शेष रह गया है, तो वही मौजूदा पेराई सत्र 2020-21 का भी करीब 80 फीसदी बकाया भुगतान कराया जा चुका है। यूपी में अब शेष बकाया भुगतान की सबसे बड़ी वजह बजाज, सिंभावली और वेव जैसे ग्रुप है, जिनकी आर्थिक स्थित दूसरी वजहों से खराब चल रही है।
उन्होंने कहा कि इसके चलते अब बकाया भुगतान न करने वाली ऐसी सभी मिलों के खिलाफ भी कड़ी कार्रवाई की जाएगी, जबकि आवश्यक वस्तु अधिनियम की धारा 3/7 समेत अन्य सुसंगत धाराओं में न सिर्फ एफआईआर कराई जाएगी बल्कि जल्द ही इनके खिलाफ वसूली प्रमाण पत्र यानी कि आरसी भी जारी की जाएगी।
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