हर कस्बे और दो-चार गांवों के बीच लगने वाली हाट अपनी परंपरा रही है। पर राजधानी लखनऊ के अवध-शिल्प ग्राम में 4 फरवरी तक के लिए आयोजित हुनर हाट (Hunar Haat) की बात ही निराली है। यूं तो इसमें पूरे देश के खास उत्पाद अपनी पूरी रेंज के साथ मौजूद हैं। पर यूपी के एक जिला, एक उत्पाद (ODOP) के प्रोडक्ट्स (Products) की बात ही निराली है।
हर चंद कदम के बाद आपको एक नए जिले के ओडीओपी उत्पादों की दुकानें मिल जाएंगी। अब आप सीएम सिटी गोरखपुर का टेराकोटा पसंद करते हैं या पीएम के संसदीय क्षेत्र वाराणसी की बनारसी साड़ी। प्रदेश की विविधता, दस्तकारी और हस्तशिल्प की बेहद सम्पन्न परंपरा के अनुसार है तो और भी बहुत कुछ। वहीं, मीरजापुर और भदोही की कालीन रामपुर का पैचवर्क, ललितपुर की जरी सिल्क के काम वाली खूबसूरत साडि़यां, उन्नाव की जरी-जरदोजी, इटावा के वस्त्र उत्पाद, बलिया के मनिहर की टिकुली,हमीरपुर की जूती, लखीमपुर खीरी और श्रावस्ती के जनजातीय शिल्प के साथ और भी बहुत कुछ।
Also Read: योगी सरकार ने बदली किसानों की किस्मत, धान के बाद मक्का और मूंगफली खरीद में भी UP में बना नया रिकॉर्ड
कन्नौज के कई तरह के इत्रों की खुशबू आपको ताजगी का अहसास दिलाएगी। हाथरस के काउंटर से गुजरेंगे तो आपके नथूनों में हींग की खुशबू भर जाएगी। चाहें तो कुछ हींग और बाराबंकी की दाल भी साथ ले जा सकते हैं। गाने-बजाने के शौकीन हैं तो अमरोहा की ढोलक और पीलीभीत की बांसुरी की ओर आपका ध्यान जरूर जाएगा। बांसुरी की रेंज सुनकर आपको हैरत हो सकती है। 10 रुपये से 5000 हजार के बीच इनके दाम हैं। देश और दुनियां में इसके कद्रदान भी हैं।
हुनर हाट को देखते-देखते आपका मन भर गया तो फूड कोर्ट में हर राज्य के खासमखास व्यंजन के स्टॉल आप स्वागत के लिए तैयार हैं। चाहिए तो तंदूर की चाय पीकर तरो-ताजा हो लीजिए। अपने प्रतापगढ़ के आंवले की खट्टा-मीठा स्वाद, आंवले या इलाहाबादी अमरूद के चाकलेट को मुंह में घुलाते हुए हुनर हाट की बाकी दुकानों को देख सकते हैं। स्वाद इनका लाजवाब है, पर दाम सबकी पॉकेट के अनुरूप। या फिर अपने पसंद के किसी प्रदेश के स्टॉल पर मर्जी और समय के अनुसार लंच या डिनर भी कर सकते हैं।
अब यहां बाल-बच्चों के साथ यहां आ ही गये हैं तो इसकी यादों को अपने दिलो-दिमाग पर अमिट रूप से चस्पा भी कर सकते हैं। इसके लिए घुसते ही कई सेल्फी प्वाइंट बने हैं। आप गाय-बछड़े, बैलगाड़ी, देश के आम आदमी के साथ सेल्फी भी ले सकते हैं। सेल्फी के जरिए कुछ देर के लिए पंजाब की भी यात्रा कर सकते हैं। हां अगर बच्चे सयाने हैं तो कुछ देर तक प्रवेश द्वार के पास ही उनके खेलने के लिए भी एक छोटा सा ओपेन पार्क भी है। उनको वहां छोड़कर तसल्ली के साथ अवध शिल्प ग्राम में उत्तर प्रदेश के साथ पूरे बहुरंगी भारत की झलक के दीदार भी कर सकते हैं।
वैसे तो यूपी की खूबियों को देखते-देखते ही आपको समय नहीं मिलेगा। कला-संस्कृति की बेहद संपन्न परंपरा को देखते-देखते आप तृप्त हो जाएंगे। फिर से और बार-बार अवध शिल्प ग्राम आने का मन करेगा। यकीनन आएंगे ही। आ ही गये तो हुनर हाट में यूपी के साथ पूरे देश की कला-संस्कृति की संपन्न विरासत पलक-पावड़े बिछाकर आपके स्वागत के लिए तैयार है।
( देश और दुनिया की खबरों के लिए हमें फेसबुक पर ज्वॉइन करें, आप हमें ट्विटर पर भी फॉलो कर सकते हैं. )