बॉलीवुड में हमेशा से ही अन्डरवर्ल्ड की दखलंदाजी रही है. अधिकतर फिल्मों में दाऊद एंड कंपनी का पैसा लगा होता है. यहां तक कि कई हीरो हीरोईन डी कंपनी की शह पर ही फिल्मों में काम पाते हैं. हाजी मस्तान, दाऊद इब्राहिम, अबू सलेम जैसे माफिया मुंबई फिल्म इंडस्ट्री पर राज करते रहे हैं. अपने इशारों पर सभी को नचाते रहे हैं. मोनिका बेदी, मंदाकिनी जैसी हीरोइनों को उनके आगे सरेंडर होना पड़ा. सीएम योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) बॉलीवुड से इसी माफिया राज को खत्म करने की तैयारी में है.
रिया-सुशांत मामले पर हाल ही में छोटा शकील का बयान सामने आया था, जिसमें उसे मायानगरी और डी कंपनी के बारे में खुलकर बातचीत की. एक निजी न्यूज चैनल को दिए इंटरव्यू में छोटा शकील ने कहा है कि बॉलीवुड में आज भी अंडरवर्ल्ड की पकड़ है. हम बॉलीवुड में फिल्म बनवाने के लिए आज भी पैसा देते हैं. माफियाओं के आगे सरेंडर वाले बड़े नामों की लंबी फेहरिस्त है. ड्रग माफिया का बॉलीवुड में कैसा जाल है यह रिया मामले में साफ-साफ दिख रहा है.
फिल्म सिटी के जरिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ यूपी को विश्वस्तरीय पहचाने दिलाने की कवायद में हैं. इसके अलावा फिल्म सिटी में प्रदेश में बड़े पैमाने पर रोजगार सृजन होगा. सीएम योगी की रणनीति है कि फिल्म सिटी के जरिए बिहार, झारखंड, असम की भोजपुर फिल्म इंडस्ट्री के साथ मध्य प्रदेश, राजस्थान, छत्तीसगढ, हरियाणा की क्षेत्रीय फिल्मों का हब बनाने की है.
योगी आदित्यनाथ की सख्ती से लॉ एंड ऑर्डर के मामले में उत्तर प्रदेश का परसेप्शन तीन सालों में काफी बदला है. योगी की अपराधियों के खिलाफ सख्त नीति ने संगठित अपराध की कमर तोड़ दी है. मुख्तार अंसारी और अतीक अहमद जैसे माफिया का साम्राज्य ध्वस्त होता हुआ दिख रहा है. यही कारण है कि यूपी में निवेशको ने रूचि दिखाई है औऱ जिसके चलते इज आफ डूइंग बिजनेस में प्रदेश 12वें से दूसरे स्थान पर आ गया है. यूपी में यही कारोबारी माहौल फिल्म जगत के लिए आकर्षण का केंद्र बन रहा है.
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