अटलजी के वो 10 कदम, जिन्होंने भारत को एक सशक्त राष्ट्र के रूप में स्थापित किया

नई दिल्ली: अटल बिहारी वाजपेयी ने न सिर्फ केंद्र में पूरे 5 साल तक पहली गैर कांग्रेसी सरकार चलाई बल्कि इस दौरान कम से कम 10 ऐसे कदम उठाए, जिनकी वजह से देश की अंतरराष्ट्रीय छवि में सुधार हुआ और उसकी अर्थव्यवस्था में मजबूती आई. आइये जानते हैं अटल जी के उन कदमों के बारे में..

 

पोखरण परमाणु परीक्षण

अंतरराष्ट्रीय विरोधों को दरकिनार करते हुए परमाणु परीक्षण के जरिये यह जता दिया कि भारत किसी भी दबाव में नहीं झुकेगा. उन्होंने देश का आत्मविश्वास बढ़ाया कि वह हर हालात का सामना कर सकता है.

 

दिल्ली मेट्रो

दिल्ली सहित कई राज्यों में सार्वजनिक परिवहन का आधार बनी मेट्रो की बुनियाद उन्हीं के समय रखी गई थी.

 

स्वर्णिम चतुर्भुज योजना

देश के चारों कोनों को ऑल वेदर रोड से जोडऩे वाली यह महत्वाकांक्षी सड़क परियोजना के कारण आवागमन बहुत आसान हो गया. स्वर्णिम चतुर्भुज योजना ने चेन्नई, कोलकाता, दिल्ली और मुंबई को हाईवेज के नेटवर्क से जोडऩे में मदद की.

 

विनिवेश मंत्रालय

वाजपेयी की सरकार ने पहली बार एक अलग से विनिवेश मंत्रालय का गठन किया. इसके तहत घाटे में चल रहे सार्वजनिक उपक्रमों की हिस्सेदारी बेची जानी थी. यह कदम इस विचार से प्रेरित था कि सरकारों का काम उद्योग-धंधे चलाना नहीं है.

 

ऑपरेशन विजय

सीमा रेखा को पार किए बिना पाकिस्तान को सबक सिखाने के लिए शुरू किए गए इस सैन्य अभियान (कारगिल युद्ध) को भला देशवासी कैसे भूल सकते हैं.

 

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लाहौर बस यात्रा

पाकिस्तान के साथ रिश्ते सुधारने के लिए फरवरी, 1999 में बस से लाहौर पहुंचे, लेकिन उधर से उन्हें कारगिल का धोखा मिला.

 

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छोटे राज्यों का गठन

झारखंड और उत्तराखंड जैसे छोटे राज्यों का गठन कर यह संकेत दिया कि भविष्य ऐसे ही छोटे राज्यों का है.

 

संचार क्रांति

देश में संचार क्रांति लाने में भी अटल जी की अहम भूमिका रही है. वाजपेयी सरकार ने ही पहली बार टेलीकॉम फम्र्स के लिए फिस्क्ड लाइसेंस फीस को हटाकर रेवेन्यू-शेयरिंग व्यवस्था के बारे में सोचा था. टेलीकॉम डिस्प्यूट सेटलमेंट अपीलेट ट्रिब्यूनल का गठन भी वाजपेयी सरकार ने ही पहली बार किया था.

 

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नदी जोड़ो परियोजना

देश भर की नदियों को जोड़कर सिंचाई से लेकर बाढ़ तक की समस्या से निपटने का सपना उन्हीं कार्यकाल में देखा गया.

 

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