उत्तर प्रदेश के अयोध्या में मेगा दीपोत्सव मनाया गया था। पिछले महीने यहां सरयू महोत्सव का आयोजन हुआ। हर तरफ यहां संस्कृत के मंत्र गूंज रहे थे। अब सरयू किनारे एक और आयोजन होने जा रहा है। इस बार यहां सैकड़ों मुस्लिम नमाज(anti-Muslim image) पढ़ने के लिए एकत्र होंगे |
.गुरुवार को होने वाले इस कार्यक्रम में भारी संख्या में मौलाना एकत्र होंगे। मौलाना समेत सैकड़ों मुस्लिम सरयू नदी के पानी से वजू करेंगे और उसके बाद किनारे पर बैठकर नमाज अदा की जाएगी। ये लोग यहां राम की पैड़ी घाट में तिलावत-ए-कुरान (कुरान के छंद पढ़ना ) करेंगे जहां सामान्यता हिंदू श्रद्धालु नजर आते हैं।
कार्यक्रम का आयोजन आरएसएस और इसकी मुस्लिम विंग मुस्लिम राष्ट्रीय मंच द्वारा किया जा रहा है। इस कार्यक्रम को उत्तर प्रदेश सरकार भी सपॉर्ट कर रही है। अयोध्या में लगभग 200 सूफी संतों के मकबरे हैं, मौलाना यहां भी जाएंगे।
मुस्लिम राष्ट्रीय मंच की वरिष्ठ नेता और लखनऊ यूनिवर्सिटी के इस्लामिक स्टडीज की प्रफेसर शाबना आजमी ने बताया कि अयोध्या को इस बात के लिए बदनाम किया गया कि यहां पर मुस्लिमों को उनके धार्मिक अभ्यास करने का अधिकार नहीं है। वहीं दूसरी गलत धारणा लोगों में यह है कि आरएसएस मुस्लिम विरोधी है।
इस कार्यक्रम के जरिए पूरी दुनिया में एक संदेश फैलाने का प्रयास किया जा रहा है कि अयोध्या हिंदू और मुसलमानों दोनों का है। आरएसएस हिंदुओं और मुसलमानों दोनों का सच्चा मित्र है। कैबिनेट मंत्री लक्ष्मी नारायण और आरएसएस के राष्ट्रीय नेता मुरारी दास कार्यक्रम के मुख्य अतिथि होंगे। इसके साथ ही कार्यक्रम में आरएसएस के कई वरिष्ठ नेता और बीजेपी के वरिष्ठ नेता भी शामिल होंगे।