अलवर लिंचिंग मामले में पुलिस महकमे पर सवालिया निशान उठाया जा रह है, आरोप ये है की पुलिस ने अपना काम सही तरीके से नहीं किया, पुलिस के आने तक अकबर खान जिन्दा था, जिन्दा होने के बावजूद पुलिस ने अकबर को अस्पताल पहुँचाने का तुरंत प्रयास नहीं किया
पहले से भी करता था अकबर खान गौ तस्करी
अखबार की एक खबर के अनुसार अकबर खान पहले भी गौ तस्करी के मामले में वांछित था, पहले भी गाँव वालों ने अकबर को गौ तसकरी करते हुए पकड़ा था और पुलिस ने अकबर पर कई धाराएं भी लगाईं थी.
पुलिस पर रकबर को देर से अस्पताल पहुंचाने का आरोप
NDTV की रिपोर्ट के मुताबिक, पुलिस गाड़ी के अंदर रकबर को पीट रही थी और गालियां दे रहा थी. रकबर को अस्पताल ले जाने के दौरान पुलिस ने रास्ते में रुककर चाय भी पी. इस बीच रकबर दर्द से कराहता रहा.
पहले गायों को गौशाला पहुंचाया, फिर रकबर को ले गए अस्पताल
रिपोर्ट के मुताबिक, पुलिस के साथ गए नवल किशोर ने बताया कि घायल के शरीर को पुलिसवालों ने धोया, क्योंकि वह कीचड़ से सना था. गायों को भी साफ किया गया. उसके बाद नवल किशोर के घर से उन्होंने गाड़ी का इंतजाम किया. इसी गाड़ी से पहले गायों को स्थानीय गौशाला ले जाया जा गया. फिर पुलिस रकबर को अस्पताल ले कर गई. यहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया. इसके बाद पुलिस ने बाकी की औपचारिकताएं पूरी की.
ये है पूरा मामला
अलवर में कुछ कथित गोरक्षकों ने शुक्रवार रात रकबर खान की पीट-पीटकर हत्या कर दी थी. वह गाय लेकर जा रहा था, इसलिए उसे गौ-तस्कर माना गया था. राहुल गांधी ने इस मामले में ट्विटर पर न्यूज रिपोर्ट शेयर करते हुए राजस्थान पुलिस पर सवाल उठाए. उन्होंने सवाल किया कि अलवर में पुलिस ने मॉब लिंचिंग के शिकार रकबर खान को 6 किमी दूर स्थित अस्पताल पहुंचाने में तीन घंटे लगाए, क्यों? उन्होंने रास्ते में टी-ब्रेक भी लिया. यह मोदी का क्रूर ‘न्यू इंडिया’ है, जहां मानवता की जगह नफरत ने ले ली है और लोगों को कुचला जा रहा है, मरने के लिए छोड़ा जा रहा है.’
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