बॉम्बे हाई कोर्ट की नागपुर बेंच ने बड़ा फैसला सुनाया है. बेंच ने आदिवासी गोवारी समाज को एसटी का दर्जा दयिा है. ऐसे में गोवारी समाज को अब अनुसूचित जनजाति के वर्ग में मिलने वाले सभी लाभ मिल सकेंगे.
1994 में इस माँग को लेकर नागपुर में एक बड़े विरोध प्रदर्शन के दौरान गोवारी समाज के 114 लोगों की जान चली गयी थी.
बता दें कि लंबे समय से यह आदिवासी समाज अनुसूचित जनजाति वर्ग में शामिल किये जाने की मांग कर रहा था. इसको लेकर कोर्ट ने मंगलवार को अपना फैसला सुनाया है. 1994 में इस माँग को लेकर नागपुर में एक बड़े विरोध प्रदर्शन के दौरान गोवारी समाज के 114 लोगों की जान चली गयी थी.
जिसके बाद तत्कालीन सरकार में ट्राइबल डेवलपमेंट मिनिस्टर मधुकर पिचड़ को घटना की नैतिक जिम्मेदारी लेते हुए इस्तीफा तक देना पड़ा था.
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