उत्तर प्रदेश के देवरिया शेल्टर होम मामले में योगी सरकार ने बड़ी कार्रवाई की है. सीएम ने डीएम सुजीत कुमार को तत्काल हटाने के निर्देश दिए हैं जबकि डीपीओ प्रभात कुमार को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया है. वहीं जिले के पूर्व डीपीओ अभिषेक पाण्डेय की लापरवाही देखते हुए उन्हें भी सस्पेंड कर दिया गया है.
जनपद गोरखपुर से 55 किलोमीटर दूर देवरिया जिले में गैर कानूनी ढंग से चल रहे शेल्टर होम में सेक्स रैकिट संचालन के आरोप से प्रदेश में हड़कंप मच गया है. रविवार देर रात हुए इस खुलासे के बाद सोमवार की सुबह जैसे ही मीडिया में खबरें फैली प्रशासन से लेकर शासन तक सतर्क हो गया.
सीएम योगी आदित्यनाथ ने घटना पर प्रमुख सचिव महिला एवं बाल विकास कल्याण से तत्काल रिपोर्ट मांगी है. सीएम ने डीएम सुजीत कुमार को हटाने के निर्देश दिए हैं. वहीं डीपीओ प्रभात कुमार को तत्काल निलंबित कर दिया गया है. इतना ही नहीं सीएम ने सख्त रवैया अपनाते हुए पूर्व डीपीओ अभिषेक पांडेय को भी सस्पेंड कर दिया है.
हेलिकॉप्टर से रवाना हुई जांच कमिटी
महिला एवं बाल कल्याण विभाग की मंत्री रेणुका कुमार ने कहा कि मामले में दो सदस्यीय उच्च स्तरीय कमिटी गठित की गई है टीम हेलिकॉप्टर से जांच के लिए निकल चुकी है. टीम एक-एक बच्चे से बातचीत करेगी.
हर जिले के डीएम से मांगी गई 12 घंटे में रिपोर्ट
मुख्यमंत्री ने 3 अगस्त को प्रदेश के सभी डीएम को जिले में स्थित शेल्टर होम की जांच के आदेश दिए थे इसके बावजूद किसी अधिकारी ने कोई कार्रवाई नहीं की. सोमवार को देवरिया का मामला सामने आने के बाद जिले के डीएम पर हुई कार्रवाई होते ही सभी अधिकारी अलर्ट हो गए. इधर सीएम ने सभी जिले के डीएम से शेल्टर होम्स के निरीक्षण के बाद 12 घंटे के अंदर रिपोर्ट भेजने के निर्देश दिए हैं. जिले के डीएम और संबंधित अधिकारियों ने शेल्टर होम्स का ताबड़तोड़ निरीक्षण शुरू कर दिया.