बिहार में पिछले कुछ समय से सीटों के बटवारे को लेकर सुगबुगाहट क़ाफी बढ़ गयी है। जैसा कि आप सब को पता है 2019 में लोकसभा चुनाव होने हैं। इस चुनाव से पहले बिहार में सियासी पारा चढ़ने लगा है। इसकी एक वजह एनडीए का खेमा भी है। सुत्रों के अनुसार बीते कुछ समय से इस खेमे में सब कुछ पहले की तरह ठीक नहीं है। इसकी एक बड़ी वजह राष्ट्रीय लोक समता पार्टी (आरएलएसपी) है। दरअसल, जेडीयू के बाद अब आरएलएसपी बीजेपी पर सीटों को लेकर दबाव बनाने की कोशिश में लगी है। एनडीए और उसके सहयोगी दलों के बीच सबकुछ ठीक न होने की बात को उस समय बल मिला जब गुरुवार को एनडीए द्वारा आयोजित डिनर पार्टी से आरएलएसपी के नेता उपेंद्र कुशवाहा गायब रहे। बिहार में एनडीए के सहयोगी दलों के बीच चल रही इस खींचतान पर विपक्ष भी अपनी नजर बनाए हुए है। शुक्रवार को नेता विपक्ष तेजस्वी यादव ने आरएलएसपी के प्रमुख उपेंद्र कुशवाहा को अपने साथ आने का न्यौता दे दिया।
NDA में नहीं है कुशवाहा की कोई जगह : तेजस्वी यादव
उन्होंने कहा कि उपेंद्र कुशवाहा की एनडीए में अब कोई जगह नहीं है। हालांकि उपेंद्र कुशवाहा ने एनडीए में खटपट और उससे अलग होने की बात को सिरे से नाकार दिया। उन्होंने कहा कि ऐसी कोई बात नहीं है। वह पहले भी एनडीए के साथ थे और आगे भी एनडीए के साथ ही बने रहेंगे। एनडीए के भोज में शामिल न होने को लेकर कुशवाहा ने गोलमोल जवाब दिया।
आरएलएसपी को बिहार में एनडीए के चेहरे के रूप में नीतीश पर आपत्ति
कुछ दिन पहले ही आरएलएसपी ने बिहार में एनडीए के चेहरे के रूप में नीतीश कुमार को चुने जाने पर अपनी आपत्ति जताई थी। आरएलएसपी के राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष नागमणि ने कुछ दिन पहले ही कहा था कि अगर कुशवाहा को गठबंधन के नेता के तौर पर पेश कर चुनाव लड़ा जाए तो राजग को बिहार में लोकसभा और विधानसभा चुनाव में जबरदस्त सफलता मिलेगी।