अमूमन लंबी दूरी के लक्ष्य को भेदने के लिए स्नाइपर रायफल का इस्तेमाल किया जाता है, लेकिन अफगानिस्तान में ब्रिटिश आर्मी की शाखा स्पेशल एयर सर्विस (एसएएस) के एक स्नाइपर ने .50 कैलिबर मशीन गन से 1.5 मील की दूरी पर मौजूद इस्लामिक स्टेट के कमांडर को मार गिराया। ये आतंकी अमेरिका और ब्रिटिश सेनाओं की ‘किल लिस्ट’ में शामिल था।
ऐसा पहली बार हुआ है कि किसी मशीन गन से इतनी दूरी से निशाना लगाया गया है। चालीस साल पुरानी इस मशीन गन से निकली गोली सीधे आतंकी के सीने में जा धंसी और उसकी मौके पर ही मौत हो गई। इससे पहले इस मशीन गन का इस्तेमाल 1950 में कोरिया युद्ध के दौरान हुआ था। एम 2 ब्राउनिंग या .50 कैलिबर मशीन गन को प्रथम विश्व युद्ध के दौरान 1918 में डिजायन किया गया। यह सेना की खुली जीप में फिट कर इस्तेमाल में लाई जाती है। दूर तक मार करने वाली यह बंदूक पैदल सेना, हल्के वाहन, नौकाओं और ऊंचाई पर उड़ने वाले विमानों के लिए प्रभावी है।
मशीन गन में एक विशेष दूरबीन फिट थी लेकिन वातावरण की गर्मी के चलते स्नाइपर को इतनी दूरी पर खड़े आतंकी की तस्वीर धुंधली नजर आ रही थी। निशाना लगाने से पहले स्नाइपर ने हवा का रुख भांपा और निशाना लगा दिया। आतंकी 20 मिनट से लगातार एक जगह पर खड़े होकर अपने साथियों को कुछ समझा रहा था। तभी तेजी से आई एक गोली ने उसके परखच्चे उड़ा दिए। सब हक्के-बक्के रह गए।
पिछले साल इराक में आईएसआईएस के खिलाफ कनाडियन सेना ने युद्ध छेड़ रखा था। ये आतंकी काफी खतरनाक होते हैं, ऐसे में कनाडा के सैनिकों ने इनसे निपटने का अनोखा प्लॉन बनाया था। खबरों की मानें तो आईएसआईएस से निपटने के लिए स्पेशल फोर्सेज बनाई गई थी, जिसका नाम ज्वाइंट टॉस्क फोर्स 2 है। इस फोर्स के एक स्नाइपर ने 3.5 किमी दूर से ही निशाना लगाकर एक आतंकी को मार गिराया। यह अभी तक से सबसे दूर से लगाए गए निशाने का वर्ल्ड रिकॉर्ड भी है। इससे पहले ब्रिटिश स्नाइपर ने 2,475 किमी दूर से तालिबानी को मारा था।
( देश और दुनिया की खबरों के लिए हमें फेसबुक पर ज्वॉइन करें, आप हमें ट्विटर पर भी फॉलो कर सकते हैं. )