मुजफ्फरपुर कांड के बाद, चिल्ड्रन शेल्टर होम खुद चलाएगी बिहार सरकार, सारे एनजीओ के लाइसेंस होंगे रद्द

 

बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने मुजफ्फरपुर शेल्टर होम सेक्स स्कैंडल से सबक लेते हुए इसे चलाने वाले सारे गैर सरकारी संगठनों के लाइसेंस रद्द करने का सैद्धांतिक फैसला किया है.

 

नीतीश कुमार ने सोमवार को पटना में पत्रकारों को ये जानकारी दी. उन्होंने बताया कि जिन जिलों में एनजीओ के जरिए सरकार प्रायोजित चिल्ड्रन होम चलाए जा रहे हैं, उन्हें चरणबद्ध तरीके से सरकारी नियंत्रण में लिया जाएगा. रिमांड होम की तरह इन्हें चलाने की जिम्मेदारी राज्य सरकार की होगी.

 

मुजफ्फरपुर बालिका गृह ब्रजेश ठाकुर के संरक्षण वाला एनजीओ सेवा संकल्प एवं विकास समिति चला रहा था. ठाकुर यौन उत्पीड़न का मुख्य आरोपी है.

 

नीतीश ने इसे घृणित और शर्मसार करने वाली घटना बताते हुए माना कि सिस्टम में खामियां हैं जिन्हें दुरूस्त किया जाना चाहिए. उन्होंने कहा, ” हमने मुख्य सचिव को समीक्षा के लिए कहा कि क्यों हुआ, निश्चित रूप से सिस्टम में गड़बड़ी है, संचालन मुझको लगता है ठीक से नही हो रहा है, लेकिन यहां समाज कल्याण विभाग ने ही इस पर ध्यान दिया गया. जो भी शामिल हैं उन पर प्रशासनिक कार्रवाई की जा रही है. हमलोग चिंतित हैं. इस तरह की घटना पर सुझाव दिया कि एनजीओ को शेल्टर होम चलाने की जिम्मेदारी देना ठीक नहीं है.”

 

मुख्यमंत्री ने बताया कि सरकरा संचालित चिल्ड्रन होम के लिए नए भवन बनाए जाएंगे और उनके सरकारी कर्मी तैनात होंगे.

 

जहां तत्काल सुधार की जरूरत है वहां किराए का मकान भी सरकार ले सकती है. नीतीश कुमार ने आश्वस्त किया कि इस तरह की घटना के पीछे जो भी लोग हैं उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई होगी.

 

ये पूछे जाने पर कि विपक्ष समाज कल्याण मंत्री मंजू वर्मा के इस्तीफे की मांग कर रहा है, नीतीश ने कहा कि अगर किसी तरह से भी उनकी भागीदारी या आऱोपियों को मदद की बात सामने आती है तो मंत्री को भी जाना पड़ेगा.

 

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