महाराष्ट्र पुलिस के साइबर सुरक्षा सेल ने कहा है कि अगर यूआईडीएआई के नाम से कोई नंबर अपने आप मोबाइल फोन में जुड़ जाए तो इसे डिलीट किया जाए, कई लोग इसे लेकर हैरान हैं और निजता के उल्लंघन या हैकिंग की आशंका व्यक्त कर रहे हैं।
कुछ मोबाइल फोन्स में यूजर्स की मंजूरी के बिना आधार हेल्पलाइन नंबर पहले से सेव होने को लेकर गुस्से के बीच गूगल ने शुक्रवार रात एंड्रायड फोन्स के ‘सेटअप विजार्ड’ में पुराना यूआईडीएआई हेल्पलाइन नंबर और 112 हेल्पलाइन नंबर ‘गलती से’ लोड हो जाने पर माफी मांगी। गूगल ने कहा कि नंबरों को फोन से डिलीट किया जा सकता है. उसने इस दिक्कत को खत्म करने का भी वादा किया।

दरअसल, शुक्रवार को जब लोगों ने अपना एंड्रायड फोन चेक किया, तो खुद ब खुद सेव हो रखे एक नंबर से उनके होश उड़ गए। लोगों की आलोचनाओं के बीच UIDAI ने कहा कि एंड्राएड फोन के कॉन्टेक्ट लिस्ट में पहले से उपलब्ध नंबर 1800-300-1947 नंबर गलत है. UIDAI ने बयान जारी कर कहा है कि उसने किसी भी फोन ऑपरेटर या निर्माता को ऐसी इजाज़त नहीं दी है। UIDAI ने ये भी बताया है कि ये कंपनियां उसका पुराना टोल फ्री नंबर 1800-300-1947 चला रही हैं जो वैध नहीं है।
यह मामला अचानक तब सामने आया जब गुरुवार को एक एथिकल हैकर एलियट एल्डरसन ने यूआईडीएआई से ट्विटर पर पूछा, कई लोग, जिनके अलग-अलग ऑपरेटर हैं, चाहे उनके पास आधार कार्ड हो या ना हो या उन्होंने आधार ऐप इंस्टाल किया है या नहीं किया है। बिना अपने कांटैक्ट लिस्ट में जोड़े आधार का हेल्पलाइन नंबर क्यों आ रहा है. क्या आप इसकी सफाई दे सकते हैं?

















































