योगी सरकार का बड़ा फैसला, मिनी ‘पीकू’ के जरिए इंसेफ्लाइटिस को दी जायेगी मात

लखनऊ: इंसेफ्लाइटिस से पिछले साल हुई मौतों से सबक लेते हुए प्रदेश की योगी सरकार ने इस बार बड़ा फैसला लिया है. गोरखपुर और बस्‍ती समेत सभी प्रभावित सात जिलों के सामुदायिक स्‍वास्‍थ्‍य केंद्रों पर मिनी पीकू यानी ‘पीडियाट्रिक इंटेसिव केयर यूनिट’ की स्‍थापना की जाएगी. वेंटीलेटर सुविधा वाले इन सेंटरों पर बाल रोग चिकित्‍सक समेत पूरा स्‍टॉफ रहेगा.

 

40 साल से जापानी इंसेफ्लाइटिस से जान गंवा रहे गोरखपुर के बच्‍चों को बचाने के लिए स्‍वास्‍थ्‍य विभाग इस बार बड़ी तैयारी में जुटा है. सभी केंद्रों को 15 अगस्‍त से पहले शुरू करने की तैयारी की जा रही है. एक साल पहले गोरखपुर के बीआरडी मेडिकल कॉलेज में पौने दो सौ बच्‍चों की मौत इस बीमारी से हो गई थी. कुछ दिनों के भीतर ही बीआरडी मेडिकल कॉलेज में इतनी मौतों ने सनसनी मचा दी थी.

 

प्रदेश सरकार की सख्‍ती के बाद मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य के साथ ही बाल रोग विभाग के चिकित्‍सक के खिलाफ भी एफआईआर हुई थी. सरकार को तब बड़ी किरकिरी का सामना करना पड़ा था. उस समय प्रदेश के स्‍वास्‍थ्‍य मंत्री सिद्धार्थ नाथ सिंह का बयान कि “अगस्‍त महीने में बच्‍चों की मौत तो होती ही है” खासा चर्चा में आया था जिसे लेकर स्वास्थ्य मंत्री को भारी आलोचना का सामना करना पड़ गया था.

 

इससे सबक सीखते हुए योगी सरकार ने इस बार गोरखपुर और बस्‍ती मंडल के सात जिलों में 15 नए मिनी पीकू खोलने का फैसला किया है. इसके साथ ही पांच जिलों गोरखपुर, देवरिया, महराजगंज, बस्‍ती और सिद्धा़र्थनगर में पांच-पांच बेड का विस्‍तार भी किया जा रहा है. आजमगढ, मऊ, गोंडा, रायबरेली, सीतापुर और हरदोई में पांच-पांच बेड के वेंटीलेटर सुविधा वाले नए पीकू बनाए जा रहे हैं.

 

हरदोई और उन्‍नाव में अभी हाल ही में जापानी इंसेफ्लाइटिस के नए मरीज मिले हैं. तीन बेड वाले मिनी पीकू की स्‍थापना के लिए जिन सामदुायिक स्‍वास्‍थ्‍य केंद्रों को चुना गया है, उनमें गोरखपुर के चौरीचौरा, पिपरौली, गगहा, कुशीनगर के कप्‍तानगंज, हाटा, देवरिया जिले के रुद्रपुर, महराजगंज जिले के निचलौल, रतनपुर, बस्ती जिले के हरैया, गौर, कुदरहा, संत कबीर नगर के हैसर, मेहदावल और सिद्धार्थ नगर के डुमरिया गंज और बांसी सीएचसी शामिल हैं. इन सभी में तीन-तीन बेड के मिनी पीकू खोले जाएंगे.

 

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