भारतीय रुपये में भारी गिरावट दर्ज की गई है. अमेरिकी डॉलर के मुकाबले रुपये की कीमत 70.08 होने के बाद विपक्ष ने पीएम मोदी और एनडीए सरकार पर तीखे हमले किए हैं, जिसके बाद सरकार ने इस पर प्रतिक्रिया दी है. आर्थिक मामलों के सचिव सुभाष चंद्र गर्ग का कहना है कि रुपये में हो रही गिरावट से फिलहाल कोई चिंता की बात नहीं है. कुछ दिनों में भारतीय रुपया पहले जितनी मजबूती हासिल कर लेगा.
सुभाष चंद्र गर्ग न्यूज़ एजेंसी ANI से कहा, ‘स्थिति फिलहाल चिंताजनक नहीं है. यह गिरावट बाहरी कारकों की वजह से हो रही है, इसलिए आगे जाकर इसमें सुधार होने की उम्मीद है.’
एक्सपर्ट्स का कहना है कि तुर्की संकट के चलते दुनिया भर की करंसी में गिरावट देखने को मिल रही है. इसीलिए भारतीय रुपये में भी गिरावट है. माना जा रहा है कि रुपया 72 प्रति डॉलर के लेवल को छू सकता है. अमेरिकी डॉलर के मुकाबले सोमवार को भारतीय रुपया 1.08 रुपये (1.60%) गिरकर 69.93 बंद हुआ. यह पिछले पांच साल में एक दिन में इसकी सबसे बड़ी गिरावट है. इससे पहले रुपया अगस्त 2013 में एक दिन में 148 पैसे (2.4%) टूटा था.
Nothing to worry at this stage. Rupee is depreciating due to external factors which may ease as we go forward: Economic Affairs Secretary Subhash Chandra Garg on Rupees touches 70.07 versus the US dollar (file pic) pic.twitter.com/eEv4rvgN7Z
— ANI (@ANI) August 14, 2018
भारतीय रुपये में भारी गिरावट को लेकर कांग्रेस ने अपने ऑफिशियल ट्विटर हैंडल से कई ट्वीट्स किए हैं. एक ट्वीट में कांग्रेस ने #RupeeInICU के साथ लिखा- ‘प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ‘कुशल’ नेतृत्व में भारतीय रुपया अब ‘मार्गदर्शक मंडल’ बन चुका है.’ एक दूसरे ट्वीट में कांग्रेस ने लिखा- ‘मोदीजी आखिरकार वो काम करने में सफल रहे, जो हम 70 सालों से नहीं कर पाएं.’
बता दें कि भारतीय मुद्रा में आई इस गिरावट से डॉलर खरीदने के लिए अब ज्यादा रुपये चुकाने पड़ेंगे. ऐसे में देश में आयात होने वाला हर सामान और सेवा महंगे हो जाएंगे. भारत में पेट्रोल-डीजल तैयार करने के लिए कच्चे तेल का सबसे अधिक आयात होता है. इसके अलावा इलेक्ट्रॉनिक्स के उपकरण जैसे मोबाइल फोन, टीवी, लैपटॉप आदि का ज्यादा आयात होता है. इनके महंगे होने से आखिर में आम आदमी पर ही बोझ बढ़ेगा.















































