कानपुर के किदवई नगर से भारतीय जनता पार्टी (BJP) के विधायक महेश त्रिवेदी (Mahesh Trivedi) एक बार फिर विवादों में घिर गए हैं। सोशल मीडिया पर वायरल हुए एक वीडियो में वह सार्वजनिक रूप से यह स्वीकारते नजर आ रहे हैं कि विधायकों को विधायक निधि से 10% कमीशन मिलता है। यह वीडियो ‘सेवा पखवाड़ा’ कार्यक्रम के दौरान का बताया जा रहा है, जिसमें पार्टी कार्यकर्ताओं के सामने दिए गए बयान ने राजनीतिक गलियारों में हलचल मचा दी है।
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भाजपा विधायक महेश त्रिवेदी का मंच से सनसनीख़ेज़ खुलासा !👉 “हमें तो तनख्वाह के साथ मिलता है विधायक निधि से 10% कमीशन” – महेश त्रिवेदी
विधायकों की कमीशनखोरी का वीडियो हुआ वायरल 🚨#CMYogiAdityanath | #samajwadipartyofficial pic.twitter.com/zhLpGMy7qi
— Awanish M Vidyarthi (@awanishvidyarth) September 12, 2025
विधायक का बयान
वीडियो में महेश त्रिवेदी कहते हैं, हमें तो ईमानदारी से 10 प्रतिशत मिल रहा है, लेकिन आप लोगों को क्या फायदा हो रहा है? इस बयान पर मौजूद कार्यकर्ता ताली बजाते नजर आते हैं। उनका यह बयान यह संकेत देता है कि सरकारी निधियों में कमीशनखोरी एक आम बात बन चुकी है, जिसे अब छिपाया भी नहीं जा रहा।
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कार्यकर्ताओं को पुण्य कमाने की सलाह
विधायक ने भ्रष्टाचार की बात को यहीं तक सीमित नहीं रखा, बल्कि कार्यकर्ताओं को यह तक कह डाला कि अगर उन्हें कोई लाभ नहीं मिल रहा, तो कम से कम पुण्य कमाकर ऊपर चले जाएं। इस तरह के बयान से न सिर्फ नैतिक सवाल उठते हैं, बल्कि यह भी संकेत मिलता है कि जनता के पैसे से चलने वाली योजनाओं का वास्तविक लाभ किसे मिल रहा है।
महेश त्रिवेदी का दूसरा बयान
महेश त्रिवेदी का दूसरा बयान और भी अधिक विवादास्पद रहा, जिसमें उन्होंने हिंदुओं की तुलना जानवरों से कर दी। उन्होंने कहा कि हिंदुओं को आत्मरक्षा के लिए अपने घरों में तलवार रखनी चाहिए। साथ ही उन्होंने टिप्पणी की, जानवर भी अपने बचाव में सींग मारता है, लेकिन हिंदू तो वह भी नहीं करता। उनकी इस बात को लेकर सोशल मीडिया पर भारी विरोध देखा जा रहा है।
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कार्रवाई की मांग तेज
वायरल वीडियो के बाद विधायक महेश त्रिवेदी के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की जा रही है। विपक्षी दलों ने बीजेपी पर दोहरे मापदंड अपनाने का आरोप लगाया है। वहीं, पार्टी नेतृत्व की ओर से अभी तक कोई औपचारिक बयान नहीं आया है। यह देखना बाकी है कि पार्टी इस प्रकरण में क्या रुख अपनाती है, लेकिन फिलहाल यह मामला बीजेपी के लिए शर्मिंदगी का कारण जरूर बन गया है।