केंद्र सरकार महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी कानून (MGNREGA) को समाप्त कर उसकी जगह एक नई ग्रामीण रोजगार योजना लागू करने जा रही है। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, इस बिल की कॉपी सांसदों के बीच सर्कुलेट कर दी गई है और इसे संसद के मौजूदा शीतकालीन सत्र में पेश किया जा सकता है।
काम के दिनों की संख्या में बढ़ोतरी
बिल का नाम रखा गया है’‘विकसित भारत-गारंटी फॉर रोजगार एंड आजीविका मिशन (ग्रामीण)’ या संक्षेप में VB-G RAM G। योजना का उद्देश्य ‘विकसित भारत 2047’ के विजन के अनुरूप ग्रामीण विकास का नया ढांचा तैयार करना है। योजना में काम के दिनों की संख्या 100 से बढ़ाकर 125 दिन कर दी जाएगी।
क्या है ‘जी राम जी’ योजना?
1. रोजगार की गारंटी और वेतन
- हर ग्रामीण परिवार को साल में कम से कम 125 दिन काम मिलेगा।
- मजदूरों को काम करने के 15 दिन के अंदर या साप्ताहिक भुगतान मिलेगा।
- अगर काम नहीं मिलता, तो बेरोजगारी भत्ता भी मिलेगा।
2. कामों का प्रकार और योजना का ढांचा
काम चार मुख्य क्षेत्रों में होंगे:
- पानी की सुरक्षा (जल सुरक्षा)
- गांव की बुनियादी सुविधाएँ (सड़क, पुल आदि)
- लोगों की आजीविका से जुड़ी चीजें (खेत, उद्यम)
- आपदा से सुरक्षा (बाढ़, भूकंप आदि के लिए तैयारियाँ)
- काम पंचायत से शुरू होकर ब्लॉक, जिला और राज्य तक समन्वित होंगे।
3. डिजिटल एकीकरण
- सारे काम डिजिटल प्लेटफॉर्म ‘विकसित भारत राष्ट्रीय ग्रामीण अवसंरचना स्टैक’ से जुड़ेंगे।
- इससे काम पारदर्शी और सही समय पर होगा।
4. निगरानी और प्रबंधन
- केंद्र और राज्य स्तर पर ग्रामीण रोजगार परिषद बनाई जाएगी।
- पंचायतें मुख्य भूमिका निभाएंगी।
- जिला कार्यक्रम समन्वयक रोजमर्रा के काम देखेंगे।
5. कृषि के मौसम में छूट
- खेती के व्यस्त समय (जैसे कटाई या बोवाई के समय) में मजदूरों को खेत से हटा दिया जाएगा ताकि किसान परेशान न हों।
- ये छूट 60 दिन तक रहेगी, आपदा में ज्यादा भी हो सकती है।
6. पारदर्शिता और जवाबदेही
- काम बायोमेट्रिक, जियो-टैगिंग और डिजिटल डैशबोर्ड से ट्रैक होंगे।
- सोशल ऑडिट (स्थानीय निगरानी) अनिवार्य होगा।
7. शिकायत निवारण और लोकपाल
- शिकायतों के लिए कई स्तर की व्यवस्था होगी।
- हर जिले में लोकपाल होंगे जो शिकायतों का जल्दी और सही समाधान करेंगे।
8. फंडिंग और मदद
- केंद्र और राज्य मिलकर पैसे देंगे।
- उत्तर-पूर्व और हिमालयी राज्यों में: 90% केंद्र, 10% राज्य
- बाकी राज्यों में: 60% केंद्र, 40% राज्य
- केंद्र शासित प्रदेश: 100% केंद्र
9. अनुमानित खर्च
- सालाना खर्च लगभग 1.51 लाख करोड़ होगा।
- इसमें केंद्र सरकार का योगदान लगभग 95,692 करोड़ होगा।
- इससे गांवों में संपत्ति और रोजगार सुरक्षा बढ़ेगी।
10. MGNREGA का समापन और नए उद्देश्य
- MGNREGA कानून खत्म होगा।
- लंबित काम और देनदारियों का इंतजाम किया जाएगा।
- नया कानून जलवायु लचीलापन, आजीविका सुरक्षा और लोगों की भागीदारी पर जोर देगा।

















































