26/11: ‘माफ कर दो साहब! अल्लाह कसम… ऐसी गलती दोबारा नहीं होगी’, सैंकड़ों जान लेने वाला कसाब जब अपनी मौत आते देख गिड़गिड़ाया

आज 26/11 मुंबई आतंकी हमले (26/11 Mumbai Terror Attacks) की 12वीं बरसी है. लेकिन आतंकियों द्वारा दिए गए जख्म हर भारतीय के दिल में आज भी ताजा हैं. इस आतंकी हमले में ना जाने कितने परिवारों ने अपने लोगों को हमेशा के लिए खो दिया, जो कि आज भी उन्हें याद आते है. बता दें सैकड़ों लोगों की जान लेने वाला एकमात्र जिंदा पकड़ा गया आतंकी अजमल आमिर कसाब (Azmal Aamir Kasab) जब खुद अपनी मौत के सामने खड़ा हुआ तो वह बुरी तरह घबरा गया था. जब जेल के अधिकारी ने उससे उसकी अंतिम इच्छा पूछ रहे थे. इस पर कसाब बार-बार यही बात दोहरा रहा था कि ‘साहब एक बार माफ कर दो. अल्लाह कसम, ऐसी गलती दोबारा नहीं होगी’. इसके बाद जब कसाब के गले में फांसी का फंदा डाला गया तो वह जोर से चिल्लाते हुए बोला ‘अल्लाह मुझे माफ करे’.


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गौरतलब है कि 26 नवंबर, 2008 को पाकिस्तान से आए 10 आतंकवादियों ने मुंबई में कई जगह पर हमला किया था. यह आतंकी मुंबई के नामी ताज होटल में छिप गए थे और 29 नवंबर तक चले ऑपरेशन के बाद सभी को मार गिराया गया था. इस हमले में एक मात्र आतंकी अजमल कसाब पकड़ा गया था. करीब 4 साल तक चली न्यायिक प्रक्रिया के बाद 21 नवंबर, 2012 को कसाब को पुणे की यरवदा जेल में फांसी दी गई थी. कसाब को पहले आर्थर रोड जेल में रखा गया था. 20 नवंबर, 2012 को उससे पुणे की यरवदा जेल ले जाया गया और यहीं फांसी दी गई, यहीं उसे दफन दिया गया.


अजमल कैसे बना क्रूर कसाब | दुनिया | DW | 21.11.2012

बता दें 19/20 नवंबर,2012 की रात 01:00 बजे 3 गाड़ियों का काफिला ऑर्थर रोड जेल से बाहर निकला, इसमें एक सफेद स्कोर्पियो भी थी. इसमें 7 कमांडो भी मौजूद थे. काफिला पुणे के यरवदा जेल की ओर जा रहा था. सुबह 04:00 बजे काफिला पुणे के यरवदा जेल पहुंचा. इसके बाद अजमल कसाब को अंडा सेल ले जाया गया, बाहर 4 गार्ड लगाए गए. डॉक्टरों की टीम ने परीक्षण किया और महज 500 मीटर की दूरी पर फांसी की तैयारी पूरी थी. सुबह होने पर डॉक्टरों ने कसाब की जांच की, उसे नाश्ता और खाना गया. इस बीच डॉक्टर उसके व्यवहार पर भी नजर जमाए हुए थे. शाम को दाढ़ी और बाल काटकर उसे नहलाया गया. रात में जेल अधिकारी ने पूछा क्या खाओगे तो वह बोला ‘जो दोगे खा लूंगा.’ उसे रोटी, दाल, चावल, कढ़ी और प्याज परोसा गया.


Revisiting 26/11: Ajmal Kasab's confession - YouTube

इसके बाद जेल अधिकारियों ने फिर पूछा ‘तुम्हारी कोई अंतिम इच्‍छा? अपने परिजनों के लिए कुछ लिखना (विल/वसीयत) चाहोगे’? लेकिन, कसाब ने दोनों का जवाब ‘ना’ में दिया. इसके बाद उसे फांसी के लिए खड़ा किया गया. ठीक 07:30 बजे उसे इसके 10 मिनट बाद डॉक्‍टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया. वहां मौजूद सूत्रों के मुताबिक कसाब ने मौत से पहले कहा ‘अल्लाह कसम, ऐसी गलती दोबारा नहीं होगी’.


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