यूपी की राजधानी लखनऊ (Lucknow) से एक चौंकाने वाली घटना सामने आई है। बताया गया कि नगर निगम (Municipal Council) से जुड़े कूड़ा प्रबंधन कार्य में लगे करीब 160 सफाई कर्मचारी तब अचानक काम छोड़कर गायब हो गए जब उनसे नागरिकता संबंधी दस्तावेज़ मांगे गए। महापौर सुषमा खर्कवाल (Sushma kharkwal) ने दावा किया कि ऑपरेशन के दौरान सभी कर्मचारी बिना जानकारी दिए मौके से फरार हो गए। जिसके चलते फरार कर्मचारियों के रोहिंग्या-बांग्लादेशी होने की आशंका जताई जा रही है। नगर निगम की टीम ने बताया आगे की जांच की जा रही है।
संदिग्ध गतिविधियों पर सवाल
मीडिया से बातचीत में महापौर ने कहा कि बुलाने पर दस्तावेज़ दिखाने से पहले ही सभी कर्मचारी गायब हो गए, जिससे संदेह गहरा गया है। उन्होंने यह भी उल्लेख किया कि पिछले वर्ष हुई एक आपराधिक वारदात में छह रोहिंग्या नागरिक पकड़े गए थे, जिसके बाद से ऐसे मामलों पर नगर निगम अधिक सतर्क है। उनका कहना है कि यह भी संभावना है कि कुछ लोग दिन में सफाईकर्मी बनकर काम करते हों और रात में अवैध गतिविधियों में शामिल हों।
सीएम के निर्देशों के बाद प्रशासन सक्रिय
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा प्रदेश में घुसपैठियों के खिलाफ अभियान तेज करने और हर मंडल में डिटेंशन सेंटर बनाए जाने के निर्देश के बाद लखनऊ प्रशासन भी सक्रिय हो गया है। इसी क्रम में महापौर खर्कवाल ने गैर-कानूनी तरीके से रह रहे संदिग्ध लोगों पर कड़ी कार्रवाई की घोषणा की है। अधिकारियों को तत्काल सत्यापन अभियान चलाने के आदेश जारी किए गए हैं। साथ ही आम जनता से भी सतर्क रहने और संदिग्ध गतिविधियों की सूचना तुरंत पुलिस को देने की अपील की गई है।
झुग्गी बस्तियों में गहन जांच
शहर की कई अवैध झुग्गी बस्तियों में नागरिकता से जुड़े दस्तावेजों की पड़ताल लगातार जारी है। महापौर ने व्यक्तिगत रूप से गुडंबा थाने के पास स्थित बस्तियों में पहुंचकर जांच का जायज़ा भी लिया। अधिकारियों को शक है कि इन इलाकों में बड़ी संख्या में संदिग्ध लोग रह रहे हैं। जैसे ही अभियान शुरू हुआ, कई लोग अचानक अपने ठिकानों से लापता हो गए, जिससे प्रशासन की सतर्कता और बढ़ गई है।

















































