बाबरी मस्जिद विध्वंस की बरसी के मद्देनज़र उत्तर प्रदेश (UP) के कई प्रमुख शहरों में सुरक्षा कड़ी कर दी गई है। अयोध्या, मथुरा, वाराणसी, लखनऊ, आगरा, कानपुर, अलीगढ़, मेरठ और प्रयागराज जैसे जिलों में पुलिस-प्रशासन ने विशेष चौकसी बरतते हुए सुरक्षा बलों की तैनाती बढ़ा दी है। 6 दिसंबर 1992 को हुए घटनाक्रम को लेकर हर साल सतर्कता बढ़ाई जाती है।
अयोध्या में निगरानी और घेराबंदी बढ़ी
अयोध्या में 4 दिसंबर से ही सुरक्षा एजेंसियाँ हाइअलर्ट पर हैं। सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद राम जन्मभूमि पर भव्य राम मंदिर का निर्माण पूरा हो चुका है, जिस वजह से इस बार सुरक्षा और अधिक कड़ी की गई है। अयोध्या के SSP गौरव ग्रोवर ने कहा कि सभी थानों को अलर्ट मोड पर रखा गया है और संवेदनशील इलाकों में विशेष गश्त जारी है।
सीएम के निर्देश पर प्रशासन अलर्ट
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा जारी निर्देशों के बाद अयोध्या के साथ अवध क्षेत्र, प्रतापगढ़ सहित कई जिलों में पुलिस बल सक्रिय कर दिया गया है। वरिष्ठ अधिकारियों ने रात में गश्त कर संवेदनशील बस्तियों का निरीक्षण किया और अधीनस्थों को सतर्क रहने को कहा। प्रशासन ने नागरिकों से शांति बनाए रखने की अपील भी की है।
होटलों से लेकर शहर के प्रवेश द्वारों तक जांच
अयोध्या में होटलों, धर्मशालाओं, ढाबों और गेस्ट हाउस की गहन चेकिंग की जा रही है। वाहनों को शहर की सीमाओं पर रोककर जांचा जा रहा है। पैदल गश्त के साथ राम मंदिर मार्ग और अन्य महत्वपूर्ण स्थानों पर सुरक्षा बलों की उपस्थिति बढ़ाई गई है। वहीं, मथुरा के कृष्ण जन्मभूमि-शाही ईदगाह क्षेत्र में ड्रोन कैमरों से निगरानी रखी जा रही है।
सुरक्षा एजेंसी सतर्क
दिल्ली के लाल किले क्षेत्र में हाल ही हुए कार धमाके के बाद सुरक्षा एजेंसियों ने राज्य में सतर्कता और बढ़ा दी है। 6 दिसंबर को कुछ हिंदू संगठन ‘शौर्य दिवस’ और मुस्लिम समुदाय के कई समूह ‘काला दिवस’ के रूप में मनाते हैं, जिसके कारण यह दिन कानून-व्यवस्था की दृष्टि से संवेदनशील माना जाता है। प्रशासन किसी भी अप्रिय घटना को रोकने के लिए सक्रिय है।

















































