चुनाव सुधार संस्था ‘एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स’ (ADR) की हालिया रिपोर्ट ने देश की राजनीति में एक बार फिर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। रिपोर्ट के अनुसार, देशभर के 643 मंत्रियों में से 302 (करीब 47%) ने अपने शपथ पत्रों में खुद पर आपराधिक मामले दर्ज होने की बात स्वीकार की है। इनमें से 174 मंत्री ऐसे हैं जिन पर हत्या, अपहरण और महिलाओं के खिलाफ अपराध जैसे गंभीर आरोप लगे हैं।
पार्टियों की स्थिति
भाजपा के 336 मंत्रियों में से 136 (40 %) पर आपराधिक मामले चल रहे हैं, जिनमें से 88 (26 %) पर गंभीर आरोप हैं, कांग्रेस के 61 मंत्रियों में 45 (74 %) आरोपी हैं और 18 (30 %) पर गंभीर आरोप, डीएमके के 31 मंत्रियों में 27 (87 %) पर मुकदमे हैं, जिनमें से 14 (45 %) गंभीर मामलों से जुड़े हैं, तृणमूल कांग्रेस में 40 मंत्रियों में से 13 (33 %) पर आपराधिक केस और 8 (20 %) पर गंभीर आरोप हैं, तेलुगु देशम पार्टी (TDP) के 23 मंत्रियों में से 22 (96 %) पर मामले दर्ज हैं, और इनमें से 13 (57 %) पर गंभीर आरोप, वहीं आम आदमी पार्टी (AAP) के 16 मंत्रियों में 11 (69 %) पर आपराधिक मामले और 5 (31 %) पर गंभीर आरोप दर्ज हैं।
केंद्र सरकार के 40% मंत्री भी आरोपी
केंद्र सरकार के मंत्रियों की बात करें तो 72 में से 29 मंत्री (40%) आपराधिक मामलों में आरोपी हैं। ADR ने यह रिपोर्ट 2020 से 2025 के बीच चुनावों के दौरान दाखिल किए गए शपथ पत्रों के विश्लेषण के आधार पर तैयार की है। हालांकि संस्था ने यह भी स्पष्ट किया है कि समय के साथ इन मामलों की स्थिति बदल सकती है। हाल ही में केंद्र सरकार ने एक प्रस्ताव रखा था जिसमें प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री या किसी भी मंत्री को गंभीर अपराध के तहत 30 दिन की गिरफ्तारी के बाद पद से हटाने की बात कही गई थी।
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TDP और DMK सबसे ऊपर
राजनीतिक दलों की बात करें तो TDP के 23 में से 22 मंत्री (96%) आपराधिक मामलों में आरोपी हैं, जिनमें 13 पर गंभीर केस हैं। DMK के 31 में से 27 मंत्री आरोपी हैं। कांग्रेस के 74% मंत्री और आम आदमी पार्टी के 69% मंत्री आपराधिक मामलों का सामना कर रहे हैं। बीजेपी के 40% मंत्री आरोपी हैं, जिनमें 26% पर गंभीर आरोप हैं। टीएमसी के 33% मंत्रियों पर केस हैं।
11 राज्यों में 60% से ज्यादा मंत्री आरोपी
राज्यवार आंकड़ों के मुताबिक आंध्र प्रदेश, तमिलनाडु, बिहार, ओडिशा, महाराष्ट्र, कर्नाटक, पंजाब, तेलंगाना, हिमाचल प्रदेश, दिल्ली और पुडुचेरी जैसे 11 राज्यों में 60% से अधिक मंत्री किसी न किसी आपराधिक मामले में आरोपी हैं। वहीं हरियाणा, जम्मू-कश्मीर, नागालैंड और उत्तराखंड ऐसे राज्य हैं जहां किसी मंत्री पर कोई आपराधिक मामला दर्ज नहीं है।
मंत्रियों की संपत्ति भी चौंकाने वाली
ADR के मुताबिक देशभर के 643 मंत्रियों की कुल घोषित संपत्ति ₹23,929 करोड़ है। इसका औसत निकाला जाए तो हर मंत्री के पास ₹37.21 करोड़ की संपत्ति है। सबसे ज्यादा अरबपति मंत्री कर्नाटक (8), आंध्र प्रदेश (6) और महाराष्ट्र (4) में हैं। केंद्र सरकार के 6 मंत्री अरबपति हैं। पार्टीवार देखें तो भाजपा के 14, कांग्रेस के 11 और TDP के 6 मंत्री अरबपति हैं।
महिला नेताओं पर भी आपराधिक मामले
ADR ने महिला सांसदों और विधायकों को लेकर भी चौंकाने वाला खुलासा किया है। रिपोर्ट के अनुसार, देश की कुल 512 महिला सांसदों और विधायकों में से 143 (28%) पर आपराधिक मामले दर्ज हैं। इनमें 78 महिलाओं पर गंभीर आरोप हैं। इसके अलावा 17 महिला नेताओं ने अपने शपथ पत्र में 100 करोड़ या उससे अधिक की संपत्ति होने की जानकारी दी है। यह रिपोर्ट साफ तौर पर दिखाती है कि राजनीति में आपराधिक छवि वाले लोगों की संख्या बढ़ रही है और साथ ही नेताओं की संपत्ति में भी बड़ा फर्क देखा जा रहा है। ये हालात हमारे लोकतंत्र की पारदर्शिता और जवाबदेही पर गंभीर सवाल खड़े करते हैं। ऐसे में अब वक्त आ गया है कि इस मुद्दे पर खुलकर चर्चा हो और इसे रोकने के लिए ठोस और कड़े कदम उठाए जाएं।