उत्तर प्रदेश में सड़कों के गड्ढा मुक्त अभियान के बाद अब सरकार पुलों के निर्माण पर ताकत झोंकने जा रही है, ताकि जनता को ट्रैफिक जाम की समस्या से निजात दिलाई जा सके. यूपी सरकार ने राज्य में 546 नए पुलों के निर्माण को हरी झंडी दिखाई है. लोक निर्माण विभाग से इन पुलों के निर्माण के लिए हरी झंडी दी जा चुकी है. इन 546 पुलों को निर्मित करने में कुल 4350 करोड़ रुपये की लागत आएगी. PWD की ओर से इन बड़े पुलों में लखनऊ मंडल में 6, मुरादाबाद मंडल में 3 बरेली मंडल में 5, प्रयागराज मंडल में 3 पुलों का निर्माण होगा.
लखनऊ मंडल के तहत 10 ओवरब्रिज भी मंजूर किए गए हैं. वाराणसी में 5, गोरखपुर में 4, कानपुर-प्रयागराज में 3-3, बरेली में 4 और मुरादाबाद में दो ब्रिज कंस्ट्रक्शन को स्वीकृति दी गई है. लोक निर्माण विभाग की ओर से पुल निर्माण के लिए बजट भी जल्द ही स्वीकृत कर दिया जाएगा.
में गड्ढा मुक्त अभियान का आज से एक महीना पूरा हो रहा है. सरकार की ओर से दावा किया गया है कि यूपी में गड्ढा मुक्त अभियान के शुरुआती 26 दिनों यानी एक से 26 नवंबर तक 97 फीसदी को गड्ढों को भरा गया है. हालांकि अभी भी तमाम जगहों से सड़कों पर गड्ढों की तस्वीरें आ रही हैं. 53 फीसदी सड़कों का नवीनीकरण और विशेष मरम्मत कार्य पूरा हुआ है. लोक निर्माण विभाग (PWD) की जानकारी के अनुसार, सड़कों को गड्डा मुक्त बनाने की मुहिम के तहत 60,497 किलोमीटर सड़कों की मरम्मत या नवीनीकरण का कार्य किया जाना था.
इससे पहले नवंबर में गड्ढा मुक्त अभियान के तहत पीडब्ल्यूडी विभाग की ओर से 58,422 किलोमीटर सड़कों पर मरम्मत कार्य कराया गया है. 5845 किलोमीटर लंबी सड़कों का नवीनीकरण किया गया है.6632 किलोमीटर रोड नेटवर्क की में पैचवर्क कराया गया है. लोक निर्माण विभाग के मंत्री जितिन प्रसाद ने स्वयं इस अभियान का निरीक्षण किया था.
उल्लेखनीय है कि 10 लाख से ज्यादा आबादी वाले शहरों और कस्बों में यातायात पर दबाव पिछले एक दशक में काफी बढ़ गया है. ऐसे में नए पुल बनाए जाने को लेकर लोक निर्माण विभाग की ओर से इसको लेकर काफी प्रस्ताव लंबे समय से लंबित हैं. हाल ही में गुजरात के मोरबी जिले में पुल गिरने की घटना के बाद योगी आदित्यनाथ की सरकार ने राज्य के सभी पुराने पुलों की स्थिति के निरीक्षण का आदेश दिया था. प्रदेश में तमाम ऐसे पुल हैं, जिनकी आयु 150 से 200 साल से भी ज्यादा पुरानी है. कुछ जर्जर पुल तो 300 से 500 साल पुराने हैं. इनमें नैनी पुल प्रयागराज यानी ओल्ड नैनी ब्रिज, मालवीय ब्रिज, एल्गिन ब्रिज शामिल है. गोमती नदी पर जौनपुर का शाही ब्रिज या मुनीम खान ब्रिज 500 साल से भी ज्यादा पुराना है. यह मड़ियाहू से किराकट को जोड़ता है.
ओल्ड नैनी ब्रिज देश के सबसे प्रचीन और लंबे पुल में एक है. एक किलोमीटर से ज्यादा लंबा ब्रिज प्रयागराज से नैनी को जोड़ता है. बाराबंकी का एल्गिन ब्रिज 3695 मीटर लंबा है और बाराबंकी से गोंडा के बीच ये रेलवे ब्रिज है, जो शारदा और घाघरा नदी पर आवागमन का रास्ता मुहैया कराता है.
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