भारत में लाखों कर्मचारी कम सैलरी में जॉब करते हैं और इसके बाद भी अगर अचानक महीने के आखिर में कोई कंपनी पूरे पैसे काटकर सिर्फ चिल्लर हाथ में थमा दे तो क्या हो. कई कर्मचारियों को इससे काफी बड़ा धक्का पहुंच सकता है. ऐसा ही हादसा हुआ उत्तर प्रदेश के आगरा में. यहां एक कर्मचारी को महीने भर काम के बाद सिर्फ छह रुपये की सैलरी मिली. निराश कर्मचारी ने दुखी होकर युवक ने सिकंदरा पुलिस स्टेशन के अंतर्गत आने वाले फैक्ट्री में ही फांसी लगा ली. वहां मौजूद लोगों ने किसी तरह उसकी जिंदगी बचा ली.
टीओआई की रिपोर्ट के अनुसार युवक जूता फैक्ट्री में कई वर्षों से काम कर रहा था. वह कई दिनों से डिप्रेशन में था. 27जुलाई को आत्महत्या की कोशिश करने वाले युवक का ऐक्सिडेंट हुआ था. उसके इलाज का पूरा खर्च फैक्ट्री मालिक की ओर से भरा गया. वापस काम पर लौटने पर कर्मचारी ने सैलरी मांगी तो उसे फैक्ट्री मालिक ने 6 रुपये दिए. इसी से कर्मचारी और निराशा से भर गया. कर्मचारी ने अपील की कि वह इलाज के पैसे को हर सैलरी में से थोड़ा थोड़ा काट ले. हालांकि मालिक ने इससे साफ इनकार कर दिया.
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मीडिया रिपोर्ट के अनुसार एसएचओ अजय कौशल ने बताया कि तब कर्मचारी को लगने लगा कि अब उसका घर का खर्च कैसे चलेगा? फिर बुधवार को उसने इस घटना को अंजाम दिया. बुधवार को तय समय पर कर्मचारी ने फैक्ट्री पहुंचकर छत वाले पंखे से खुद को लटका लिया
युवक को तड़पता देख उसके साथियों ने उसे बचाया. वे उसे अस्पताल ले गए. अब युवक खतरे से बाहर बताया जा रहा है. वहीं हादसे के बाद डर से फैक्ट्री मालिक युवक की बात मानने को राजी हो गया और अब वह इलाज के पैसे इंस्टालमेंट में लेगा. बताया जा रहा है कि पुलिस द्वारा मामला सुलझाने के बाद इस मामले में केस दर्ज नहीं हुआ. मीडिया रिपोर्ट के अनुसार फैक्ट्री मालिक से इस मामले में कोई जानकारी नहीं मिल पाई. हालांकि इस तरह किसी कर्मचारी को दबाव में डालकर आत्महत्या करने तक पहुंचाने जैसे मामले में फैक्ट्री मालिक पर कड़ी कार्रवाई होनी चाहिए थी.
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