मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और डीजीपी ओपी सिंह के आदेश के बाद पूरे प्रदेश के कप्तान स्क्रीनिंग में लगे हुए हैं. इसी सिलसिले में वाराणसी (Varanasi) जिले में भी दारोगा और सिपाहियों की स्क्रीनिंग चल रही है. जिसके अंतर्गत लगभग 700 पुलिसकर्मियों की जांच हो रही है. कार्य में दक्षता, भ्रष्टाचार के आरोप, शराब के सेवन समेत अन्य पैमानों पर जांच की जा रही है. जो भी दारोगा-सिपाही पैमानों पर खरा नहीं उतरेगा तो उसे बाहर का रास्ता दिखाया जाएगा.
वाराणसी में भी चल रहा अभियान
जानकारी के मुताबिक, पूरे उत्तर प्रदेश के न सिर्फ पुलिस विभाग बल्कि सभी विभागों में लापरवाह कर्मचारियों की छटनी की जा रही है. ताकि कानून व्यवस्था के साथ-साथ सभी विभागों को मजबूत बनाया जा सके. इसी के चलते वाराणसी (Varanasi) पुलिस विभाग के कई पुलिसकर्मियों को जबरन रिटायरमेंट दिया जा चुका है.
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बता दें कि वाराणसी (Varanasi) पुलिस स्थापना बोर्ड के निशाने पर अब वर्ष 2016 व 2018 बैच के दारोगा, सिपाही हैं. एसएसपी आनंद कुलकर्णी के आदेश पर एसपी प्रोटोकाल के नेतृत्व में स्क्रीनिंग कमेटी का गठन किया गया है. कमेटी इस समय वाराणसी में तैनात लगभग सात सौ दारोगा-सिपाही की स्क्रीनिंग कर रही है. स्क्रीनिंग में जितने भी पुलिसवाले फेल होंगे सबको जबरन रिटायर कर दिया जाएगा.
मिलती हैं सभी सुविधायें
गौरतलब है कि अगर किसी पुलिसकर्मी को जबरन रिटायर किया जाता है तो उसे तीन महीने की एडवांस सैलरी और साथ में रिटायरमेंट की सभी सुविधायें भी दी जातीं हैं.
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