एक तरफ जहां उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ गायों की सुरक्षा के लिए हर तरह के जतन कर रहे हैं। इसके लिए अधिकारियों को बाकायदा नोटिस भी जारी किए जा रहे हैं। लेकिन, जमीनी हकीकत इससे उलट है। टेलीग्राफ में छपी रिपोर्ट के मुताबिक, कुछ दिनों में दर्जनों गायों की मौत हुई है और इस मामले में योगी सरकार ने मानों आंखों पर पट्टी बांध रखी है।
श्याम पुरुषोत्तम गोशाला में 78 गायों की मौत
रिपोर्ट के मुताबिक, अलीगढ़ में बुधवार यानि 26 दिसंबर, 2018 से लेकर रविवार यानि 30 दिसंबर के बीच एक गोशाला में 78 गायों की मौत हो हुई है। जानकारी के मुताबिक, जट्टारी स्थित श्याम पुरुषोत्तम गोशाला एक स्वयंसेवी संस्था द्वारा संचालित की जाती है।
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बताया जा रहा है कि कुछ ही दिनों पहले प्रदेश सरकार की तरफ से इस संस्था को गायों की रख-रखाव के लिए 2.5 लाख रुपए दिए गए थे। इस बात की पुष्टि खुद अधिकारियों ने की है। ऐसा नहीं है कि ऐसी घटना सिर्फ अलीगढ़ में ही हुई है। इसी दौरान मथुरा के एक गांव में फसल बर्बादी से परेशान किसानों ने 150 बेसहारा पशुओं को एक स्कूल में बंद कर दिया। इनमें से छह गायों की मौत शनिवार यानि 29 दिसंबर, 2018 को हो गई।
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इस मामले में पंचायत प्रमुख और तहसील के राजस्व अधिकारी ने माना कि गायों की मौत भूख और प्यास के चलते हो गई, उन्हें न तो खाना दिया गया और न ही पानी। यहां गौर करने वाली बात यह है कि इन दोनों मामलोौं में अभी तक किसी के खिलाफ कोई मामला दर्ज नहीं किया गया है।
गोशाला के सेक्रेटरी ने बताई गायों के बीमार होने की बात
जानकारी के मुताबिक, अलीगढ़ के जट्टारी स्थित श्याम पुरुषोत्तम गोशाला के सेक्रेटरी शिवदत्त शर्मा ने 78 गायों की मौत के पीछे उनके बीमार होने की बात कही है। शिवदत्त शर्मा के मुताबिक, जिन गायों की मौत हुई है, उन्हें पहले से बीमार हालत में गोशाल लाया गया था।
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उन्होंने बताया कि बीमारी औ शीतलहर की चपेट में आने से पशुओं की मौत हुई हैं। वहीं, अलीगढ़ प्रशासन का कहना है कि गायों को जर्जर हालत में कई गांवों से लाया गया था। बता दें कि आवारा पशुओं से किसानों की फसलें बर्बाद हो रही हैं। ऐसे में किसान ने इन्हें किसी बाड़े या सरकारी कैंपस में बंद करना शुरू कर दिया है, जिससे पानी और चारा नहीं मिलने की वजह से गायों ने दम तोड़ दिया।
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