इंडियन प्रीमियर लीग(IPL) के चेयरमैन और कांग्रेस नेता राजीव शुक्ला के एग्जीक्यूटिव असिस्टेंट मोहम्मद अकरम आरोप है कि उन्होंने राज्य स्तर की टीम में चयन के लिए उत्तर प्रदेश के एक युवा खिलाड़ी राहुल शर्मा से लड़की का इंतजाम करने की मांग की. एक हिंदी न्यूज चैनल ने बुधवार को यह आरोप लगाया है. चैनल ने कहा कि उन्होंने लड़की के अलावा पैसों की भी मांग की. राहुल शर्मा के हवाले से चैनल ने बताया कि अकरम सैफी बीसीसीआई के एज-ग्रुप मैच में खिलाने के लिए फर्जी प्रमाणपत्र भी मुहैया कराते हैं. इसके अलावा न्यूज चैनल ने एक विवादित ऑडियो टेप भी जारी की. इसमें कथित तौर पर सैफी कह रहे हैं कि शर्मा लड़की का इंतजाम कर उसे दिल्ली एक फाइव स्टार होटल में भेज दें. इसके बाद कुछ मैचों के लिए टीम में उसके नाम का चयन कर लिया जाएगा. चैनल पर कुछ अन्य युवा खिलाड़ियों ने आरोप लगाया कि चयनकर्ताओं ने टीम में चयन के लिए रिश्वत की मांग की. उन्होंने आगे कहा कि यूपी क्रिकेट एसोसिएशन में किसी भी पद पर ना रहने वाले अकरम सैफी यह काम करते हैं.
वहीं जब इस मामले में अकरम सैफी का पक्ष जानना चाहा तो उन्होंने सभी आरोपों को बेबुनियाद बताया है. उन्हें बदनाम करने के लिए यह आरोप लगाए गए हैं. अपनी सफाई में अकरम सैफी ने कहा, ‘लड़के का कहना है कि उसने एक लड़की भेजी. अगर उसके आरोप सही है तो उसे क्रिकेट जरूर खेलना चाहिए. सही? क्या वह खेला? नहीं. राहुल का आरोप सही साबित होता अगर वह यूपी के लिए क्रिकेट खेलते. यूपी के 60 खिलाड़ियों की लिस्ट में कभी उनका नाम नहीं आया और ना ही उन्होंने कोई जूनियर क्रिकेट खेला है. इस दौरान जब राजीव शुक्ला से मैसेज और फोन के जरिए बात करने की कोशिश की गई.
दूसरी तरफ अकरम ने आरोप लगाया कि उनकी प्रतिष्ठा को बदनाम करने के लिए यह आरोप लगाए गए हैं. अकरम के मुताबिक, ‘सच बहुत जल्द बाहर आ जाएगा. मैं राजीव शुक्ला जैसे बड़े शख्स के साथ जुड़ा हुआ हूं इसलिए स्वाभाविक है कि लोग हर तरफ से मुझ पर हमला करने की कोशिश करेंगे. मुझसे नाराज लोगों ने यह साजिश रची है. इसमें वो भी शामिल है जो मेरे करीबी हैं. यह पूरा एक खेल है बहुत लोगों का. करीब 15 लोग इसमें शामिल हैं. यह मामला अब क्यों सामना आया है जबकि मामला साल 2015 का है. तो यह 2018 में क्यों सार्वजनिक हुआ है?’
अकरम काफी समय से राजीव शुक्ला के एग्जीक्यूटिव असिस्टेंट हैं. उन्हें बीसीसीआई की तरफ से मासिक वेतन भी मिलता है. इस मुद्दे पर राजीव शुक्ला से फोन और मैसेज के जरिये बात करने की कोशिश की गई लेकिन वहां से कोई जवाब नहीं आया.















































