लद्दाख सीमा पर भारतीय सैनिकों के प्रति चीन (India-China Border Dispute) का रवैया देखते हुए केंद्र सरकार ने बड़ा फैसला लिया है. सूत्रों के मुताबिक टेलीकॉम डिपार्टमेंट ने बीएसएनएल की फोर जी (4G) सेवाओं में चाइनीज उपकरणों के प्रयोग पर निर्भरता कम करने का फैसला (Boycott chinese products) किया है. मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक मंत्रालय ने बीएसएनएल को निर्देश दिया है कि सुरक्षा कारणों से वह चाइनीज उपकरणों का इस्तेमाल कम करें.
टेलिकॉम मिनिस्ट्री ने कहा कि वह BSNL के 4G अपग्रेडेशन को लेकर पुराने टेंडर कैंसल कर देगा. पुराने टेंडर कैंसल कर दिए जाने के बाद आगे से वह टेंडर प्रक्रिया में शामिल भी नहीं हो सकेगा. चाइनीज कंपनी ZTE का BSNL सबसे बड़ा कस्टमर है. वह इसे छह सर्विस एरिया में सपॉर्ट करता है. प्राइवेट टेलिकॉम कंपनियां पहले से ही चीन पर निर्भरता घटा रही हैं. वर्तमान में ZTE भारती एयरटेल के लिए 2 सर्कल में और वोडाफोन आइडिया के लिए पांच सर्कल में काम करता है. ZTE चीन का लीडिंग टेलिकॉम इक्विपमेंट कंपनी है.
टेलिकॉम इक्विपमेंट का बाजार 12 हजार करोड़ का है, जिसमें चाइनीज प्रॉडक्ट का शेयर 25 फीसदी के करीब है. इस फील्ड के लोगों का कहना है कि अगर भारती कंपनियां चीन छोड़कर दूसरे देशों से आयात करती हैं तो लागत 15 फीसदी तक बढ़ जाएगी. इससे पहले CAIT ने सरकार से चीनी कम्पनियों को दिए गए ठेकों को तुरंत रद्द करने और भारतीय स्टार्टअप में चीनी कंपनियों द्वारा निवेश को वापस करने के नियमों को बनाने जैसे कुछ तत्काल कदम उठाने का भी आग्रह किया था.
आपको बता दें कि सोमवार को लद्दाख सीमा पर गलवान घाटी पर भारतीय और चीनी सैनिकों के बीच हिंसक झड़प में 20 भारतीय जवान शहीद हो गए हैं. वहीं चीन को भी भारी नुकसान हुआ है. भारत-चीन सीमा विवाद के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लद्दाख में भारत-चीन सीमा क्षेत्रों की स्थिति पर चर्चा करने के लिए 19 जून को शाम 5 बजे सर्वदलीय बैठक बुलाई है.
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