नवंबर, 2016 में नोटबंदी लागू होने के बाद बंद किए गए 500 और 1,000 रुपये के नोटों का 99.3 प्रतिशत बैंको के पास वापस आ गया है। रिजर्व बैंक की 2017-18 की वार्षिक रिपोर्ट में यह जानकारी दी गई है। इसका तात्पर्य है कि बंद नोटों का एक काफी छोटा हिस्सा ही प्रणाली में वापिस नहीं आया। सरकार ने 8 नवंबर, 2016 को नोटबंदी की घोषणा करते हुए कहा था कि इसके पीछे मुख्य मकसद कालाधन और भ्रष्टाचार पर अंकुश लगाना है।
वहीं आरबीआई की रिपोर्ट के बाद कांग्रेस ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर हमला बोला है। कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने ट्वीट कर कहा कि आरबीआई की रिपोर्ट ने एक बार फिर नोटबंदी को ‘मोदी मेड डिजास्टर’ साबित कर दिया है। नोटबंदी के दौरान चलन से बाहर किए गए 99.30% नोट वापिस आ गए।
RBI Report again proves that Demonetisation was ‘Modi Made Disaster’ of Epic Proportions!
99.30% of Demonetised Money Returns!
PM Modi,in his 2017 Independence Day speech made tall claims of Rs 3 Lakh Cr coming back to the system!
Modiji, will you apologise for that Lie now? pic.twitter.com/BQkyUyh6hN
— Randeep Singh Surjewala (@rssurjewala) August 29, 2018
उन्होंने कहा कि मोदी ने 2017 स्वतंत्रता दिवस के मौके पर दिए गए भाषण में कई बड़े दावे किए थे कि तीन लाख करोड़ रुपए सिस्टम में वापिस आ रहे हैं। सुरजेवाला ने कहा कि क्या मोदी जी अपने इस झूठ के लिए अब देश से माफी मांगेंगे। रिजर्व बैंक को प्रतिबंधित नोटों की गिनती में काफी अधिक समय लगा है। सरकार ने नोटबंदी की घोषणा के बाद लोगों को पुराने नोटों को जमा कराने के लिए 50 दिन की सीमित अवधि उपलब्ध कराई थी। नोटबंदी के समय मूल्य के हिसाब से 500 और 1,000 रुपए के 15.41 लाख करोड़ रुपए के नोट चलन में थे। रिजर्व बैंक की रिपोर्ट में कहा गया है कि इनमें से 15.31 लाख करोड़ रुपए के नोट बैंकों के पास वापस आ चुके हैं। इसका मतलब है कि बंद नोटों में सिर्फ 10,720 करोड़ रुपए ही बैंकों के पास वापस नहीं आए हैं।