वनटांगिया समुदाय के मसीहा हैं योगी, उनके उत्थान के लिए मुकदमा भी झेला, फिर भी नहीं खींचे पांव

“भगवान का नाम तो सबने सुना है, लेकिन हमने तो इस रूप में महराज (Yogi Adityanath) जी का बारम्बार दर्शन किया है और हां, हमारे भगवान ने बिना कोई मन्नत मांगे हमें और हमारे सभी वनटांगियों (Vantangiya Community) को वह सब कुछ दे दिया है जिसके इंतज़ार में हमारी कई पीढियां गुजर गईं.” जंगल तिनकोनिया नम्बर तीन के 80 वर्षीय चन्द्रजीत के मुंह से जब यह बोल फूटते हैं तो उनके चेहरे की भाव भंगिमाओं से संघर्ष से लेकर आज मिली सुविधाओं तक का पूरा सफर नुमाया हो जाता है.


योगी ने वनटांगिया मजदूरों के बीच मनाई दीपावली, बच्चों को बांटी मिठाईयां -  yogi celebrates diwali among vantangiya laborers distributes - UP Punjab  Kesari

महाराज जी, यानी देश के सबसे बड़े सूबे उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ. सिर्फ चन्द्रजीत ही नहीं, इस गांव के कृष्णमोहन, रामलगन, मालती जैसे हजारों बुजुर्गों, युवाओं व महिला वनटांगिया की भावना योगी जी को भगवान का ही दर्जा देने वाली है. कतिपय लोगों के लिए इन वनटांगियों की बात अतिश्योक्ति लग सकती है, लेकिन दशकों से जंगल में पशुवत जीवन जीते रहे इन वनटांगियों के जीवन में विकास के उजियारे से जो बदलाव आया है, उसका एकमात्र श्रेय योगी को है.


कौन हैं वे जिनके साथ एक दशक से दीपावली मनाते हैं CM योगी आदित्यनाथ?

वनटांगिया कौन कहलाते हैं?


इसके बाद अंग्रेजों ने जंगल लगाने और उसकी रखवाली करने के लिए जंगलों के बीच में कुछ लोगों को बसा दिया.ये लोग वहीं पर रहते थे, जंगल लगाते थे और किसी तरह से जीवन यापन करते थे. बाहरी दुनिया से इनका कोई मतलब नहीं था. इनके वनटांगिया कहलाने के पीछे की कहानी ये है कि जंगल क्षेत्र में पौधों की देखरेख करने के लिए मजदूर रखे गये थे. इसके लिए 1920 में म्यांमार में आदिवासियों द्वारा पहाड़ों पर जंगल तैयार करने के साथ ही खाली स्थानों पर खेती करने की पद्धति ‘टोंगिया’ को आजमाया गया, इसलिए इस काम को करने वाले श्रमिक वनटांगिया कहलाए. वनटांगिया श्रमिक भूमिहीन थे. वो अपने परिवार के साथ जंगलों में रहते थे. इसिलए दूसरी पीढ़ी के लोगों का अपने मूल स्थान से कटाव हो गया और वो जंगल के होकर रह गये.


Diwali: गोरखपुुर: सीएम योगी ने वनटांगिया मजदूरों और उनके बच्चों संग मनाई  दिवाली - cm yogi celebrates diwali with vantangiya laborers and their  children in gorakhpur | Navbharat Times

1947 में देश को आजादी मिलने के बाद भी बड़ी संख्या में ऐसी आबादी थी जो जंगलों के बीच में रहती थी, जिसके बारे में जानने वाला कोई नहीं था. वनटांगिया समुदाय के गांवों में स्कूल, अस्पताल, बिजली, सड़क, पानी, जैसी मूलभूत सुविधाएं नहीं थी. एक तरह से वो खानाबदोश की जिन्दगी जी रहे थे. इन लोगों को लोकसभा और विधानसभा में वोट देने का अधिकार 1995 में मिला. इससे इनकी उपेक्षा का अंदाजा लगाया जा सकता है. पर ग्राम पंचायत में वोट देने का अधिकार तब भी नहीं मिला वो अधिकार इन्हें सीएम योगी के मुख्यमंत्री बनने के बाद मिला.


देश तो आज़ाद है लेकिन वनटांगिया आज़ाद नहीं ' - Gorakhpur NewsLine

इसके बाद इन लोगों को संविधान के तहत नागरिकों के मूलभूत अधिकार दिए गये. यानी कि वनटांगियों को मूलभूत अधिकार तब मिले जब योगी आदित्यनाथ मुख्यमंत्री बने, जिसके बाद उन्होंने प्रदेश के 37 वनटांगियां गांवों को राजस्व गांव का दर्जा दिया. गोरखपुर का वनटागिया गांव जंगलों के बीच में बसा हुआ है. वहां पर कैसे विकास हुआ इसको बताने के लिए लेकर चलते हैं वनटागिंया जंगल तिकोनिया नम्बर 3 में…


अपनी नई पहचान से खुश वनटांगिया समुदाय, CM योगी की पहल पर नाम होगी 635 एकड़  जमीन

रजही से आगे बढ़ने के बाद जंगल का इलाका शुरू हो जाता है और इन्हीं जंगलों के रास्तों से होकर लोग घरों तक लोग जाते थे. पहले ये कच्चे रास्ते थे. लोग किसी तरह से आते जाते थे, लेकिन आज यहां पर खडंजा लगा दिया गया है. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस गांव की तस्वीर और तकदीर दोनों बदलकर रख दी है. 2017 के पहले छोटे से कच्चे मकान में लोग रहा करते थे. लेकिन योगी आदित्यनाथ के इस गांव में आने के बाद सब कुछ बदल गया.


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इस गांव पर सीएम योगी की ऐसे पड़ी नजर


सीएम योगी खुद बताते हैं कि एक बार वो महराजगंज जा रहे थे कि रास्ते में कुछ लोग मिले जो बेहद गरीब थे. जब उनके बारे में पता किया तो उनकी दशा के बारे में पता चला, जिसके बाद इनकी बेहतरी के प्रयास के लिए एक सांसद के रूप में उन्होने शुरू किया. 2007 से हर दीपावली में योगी आदित्यानाथ इन्ही लोगों के साथ त्यौहार मनाने लगे. यहां आकर लोगों को मिठाई कपड़ा टॉफी बांटने लगे. बच्चों के पढ़ने के लिए गोरखनाथ संस्था ने यहां पर एक स्कूल भी खोला जो नि: शुल्क था, स्कूल खोलने के कारण योगी आदित्यनाथ पर वन विभाग ने मुकदमा भी दर्ज करा दिया था. फिर भी वो लगातार इन लोगों की बेहतरी के लिए काम करते रहे.


योगी आदित्यनाथ ने CM बनते ही बदल दी वन टांगिया गांव की तस्वीर, आज भी यहां  के लोग योगी को मानते हैं भगवान

योगी आदित्यानाथ ने सीएम बनते ही बदल दी गांव की तस्वीर


जैसे ही योगी आदित्यानाथ मुख्यमंत्री बने इन लोगों के अच्छे दिन आ गये. आज महिलाएं कहती है कि सीएम योगी उनके लिए भगवान हैं. महिलाओं का कहना है कि सीएम योगी ने इस गांव पीने के लिए शुद्ध पानी, चलने के लिए सड़क, रहने के लिए मकान, शौचालय, बिजली, गैस, स्कूल, राशनकार्ड सहित विकास की जितनी भी योजनाएं होती हैं सारी योजनाएं दीं. गांव आज विकास की नई कहानी लिख रहा है. 2007 से लगातार योगी आदित्यनाथ इस गांव में आकर दीपावली मनाते रहे हैं. इस बार गांव की महिलाएं सीएम का इंतजार कर रही हैं. महिलाओं का कहना है कि अगर सीएम योगी गांव में नहीं आयेंगे तो उनके घरों में दीपावली का दिया नहीं जलेगा. बाबा हमारे भगवान हैं. हमारा हक हैं.


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जिले के डीएम ने क्या कहा


वहीं डीएम का कहना है कि सीएम योगी ने वनटांगिया गांवों में सभी मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध कराने के निर्देश दिये थे. इनको मकान देने के लिए मुख्यमंत्री आवास जैसी योजना लाये. साथ ही कई अन्य योजनाएं लाकर इन गांवों का विकास किया. राजस्व गांव का दर्जा मिलने के बाद दोयम दर्जे की जिन्दगी जी रहे यहां के लोग भी मेन स्ट्रीम में शामिल हो गये हैं. इन्ही के साथ प्रदेश के अन्य हिस्सों में जंगलों में निवास करने वाले वनटांगियां लोगों को भी राहत मिली है.


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