लोकसभा चुनाव के नतीजे आने के दूसरे दिन शुक्रवार को केंद्रीय कैबिनेट ने 16वीं लोकसभा भंग करने की सिफारिश की. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में शुक्रवार शाम हुई कैबिनेट की बैठक में यह प्रस्ताव पास किया गया. इस चुनाव में बीजेपी की अगुवाई वाले राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA)को जबर्दस्त जीत हासिल हुई है. मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक इस बारे में कैबिनेट की सिफारिश मिलने के बाद राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद वर्तमान लोकसभा भंग करने की कार्रवाई करेंगे.
आपको बता दें कि 16वीं लोकसभा का कार्यकाल 3 जून को समाप्त हो रहा है. 17वीं लोकसभा का गठन 3 जून से पहले किया जाना है और नए सदन के गठन की प्रक्रिया अगले कुछ दिनों में तब शुरू होगी जब तीनों चुनाव आयुक्त राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद से मिलेंगे और नवनिर्वाचित सदस्यों की सूची सौपेंगे.
मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल में केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली दोबारा वित्त मंत्रालय का कार्यभार नहीं लेंगे. मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, पूरी संभावना है कि अरुण जेटली वित्त मंत्रालय में शीर्ष पद को लेकर इस बार कोई दिलचस्पी नहीं दिखाएं, क्योंकि पिछले कुछ महीनों में उनकी सेहत में काफी गिरावट आई है. जेटली शुक्रवार को हुई मोदी सरकार के पहले कार्यकाल की आखिरी कैबिनेट मीटिंग में भी शामिल नहीं हो सके थे, अगर जेटली पद स्वीकार नहीं करते हैं तो केंद्रीय रेल मंत्री पीयूष गोयल को वित्त मंत्रालय या दोनों मंत्रालयों का प्रभार दिया जा सकता है.
अटकलें हैं कि बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह को रक्षा मंत्रालय की जिम्मेदारी दी जा सकती है. दरअसल, रक्षा मंत्री का पद बीजेपी सरकार के लिए महत्वपूर्ण है क्योंकि इस चुनाव में भारतीय सेना और पाकिस्तान में घुसकर की गई सर्जिकल स्ट्राइक और एयर स्ट्राइक की काफी चर्चा हुई थी. ऐसे में सरकार एक मजबूत रक्षा मंत्री के तौर पर शाह को यह अहम पद दे सकती है.
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