लखनऊ: परिषदीय स्कूलों के मनमाने शिक्षकों पर लगाम कसने की तैयारी बेसिक शिक्षा परिषद ने कर ली है. अब लेटलतीफी करना उन्हें महंगा भी पड़ेगा. यही नहीं, मिड-डे मील में धांधली करना भी आसान नहीं होगा.
दरअसल, बेसिक शिक्षा परिषद के प्राथमिक व उच्च प्राथमिक विद्यालयों में विद्यार्थियों व शिक्षकों की उपस्थिति बायोमीट्रिक मशीनों के जरिए दर्ज होगी. यही नहीं, मिड डे मील का वितरण भी बायोमीट्रिक उपस्थिति के आधार पर होगा.
इसके लिए परिषद ने स्कूलों में बायोमीट्रिक उपस्थिति मशीन उपलब्ध कराने की कवायद शुरू की है. परिषद ने सभी बीएसए को बायोमीट्रिक मशीन लगाने के निर्देश दिए हैं. इससे विद्यालयों में प्रतिदिन शिक्षकों व विद्यार्थियों की वास्तविक उपस्थिति की स्थिति स्पष्ट होगी. वहीं, मिड डे मील में धांधली की शिकायतों पर भी रोक लगेगी. परिषद ने एक पोर्टल बनाने की तैयारी की है. इसमें सभी स्कूलों का फोटो सहित अन्य जानकारी मौजूद रहेगा.
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इस सरकारी कवायद की वजह अव्यवस्थाओं को दुरुस्त करना है. अक्सर ऐसे मामले आते हैं, जिनमें बच्चों की संख्या ज्यादा बताकर मिड डे मील या फिर यूनिफॉर्म जैसी सुविधाओं में गड़बड़ी की जाती है. जिन तक लाभ पहुंचना चाहिए, वे इससे वंचित ही रहते हैं. इन्हीं खामियों को सुधारने के लिए ये कोशिश की जा रही है. शिक्षकों की उपस्थिति नियमित करना भी बायोमेट्रिक लगवाने के पीछे बड़ा मकसद है. इससे एक क्लिक पर विभागीय अधिकारी किसी भी स्कूल की हकीकत जान सकेंगे.
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इसके अलावा स्कूलों में किचन गार्डन बनाने को भी कहा गया है. जिन स्कूलों में जगह होगी वहां हॉर्टीकल्चर विभाग की मदद से यह गार्डन तैयार होगा. फिलहाल इन योजनाओं पर बातचीत चल रही है.
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