राजधानी लखनऊ के लोक भवन में बुधवार को जनजाति विकास विभाग द्वारा जनजाति समग्र विकास के संबंध में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (CM Yogi Adityanath) के समक्ष एक प्रेजेंटेशन दिया। इस दौरान सीएम योगी ने कहा कि जनजातियों की संस्कृति को समृद्ध करने के लिए प्रदेश सरकार कृत संकल्पित हैं, स्वस्थ समाज के लिए आवश्यक है कि समाज के सभी वर्गों का प्रतिनिधित्व हो। यही वजह है कि मुख्यमंत्री ने अभियान चलाने का निर्देश दिया। इसके तहत युवाओं के लिए कोचिंग का इंतजाम किया जाएगा। वहीं, स्वरोजगार के लिए प्रेरित करते हुए सरकार कौशल विकास कर लोन दिलाने की व्यवस्था भी करेगी।
अनुसूचित जनजाति को मिले सभी योजनाओं का लाभ
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि वर्तमान सरकार की शीर्ष प्राथमिकता है कि अनुसूचित जनजाति समुदाय को शासन की सभी योजनाओं का लाभ मिले। सीएम योगी ने कहा कि इस समुदाय को सरकारी नौकरियों में अभियान चलाकर पर्याप्त प्रतिनिधित्व दिया जाए और उनके लिए कोचिंग आदि की व्यवस्था भी की जाए। साथ ही कौशल विकास के कार्यक्रमों से भी उन्हें जोड़ने को कहा गया।
बैंको से उपलब्ध कराया जाए ऋण
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि अनुसूचित जनजाति वर्ग के युवाओं को स्वरोजगार के लिए प्रोत्साहित करते हुए उन्हें लोन मेलों के माध्यम से बैंकों से ऋण उपलब्ध कराया जाए। सीएम योगी ने बेसिक शिक्षा विभाग को निर्देशित किया कि अनुसूचित जनजाति वर्ग के बच्चों को प्राथमिक शिक्षा से संतृप्त करने की व्यवस्था करें।
सीएम योगी आदित्यनाथ को बताया गया कि राज्य की कुल आबादी में अनुसूचित जनजाति समुदाय की जनसंख्या 11,34,273 है, जो प्रदेश की कुल आबादी का 0.56 फीसद है। प्रदेश की जनजातीय जनसंख्या अरुणाचल प्रदेश, गोवा, हिमाचल प्रदेश, सिक्किम, केरल, तमिलनाडु, उत्तराखंड और अंडमान-निकोबार की जनजातीय जनसंख्या से अधिक है।
भारत सरकार द्वारा प्रदेश की 15 जातियां- थारू, बुक्सा, भोटिया, जौनसारी, राजी, गोंड (धुरिया, नायक, ओझा, पठारी, राजगोंड), खरवार/खैरवार, सहरिया, परहिया, बैगा, पंखा/पनिका, अगरिया, पटारी, चेरो और भुंइया/भुनिया अनुसूचित जनजाति की श्रेणी में सूचीबद्ध हैं। यूपी में सर्वाधिक चार लाख जनजातीय जनसंख्या सोनभद्र में है। समाज कल्याण मंत्री रमापति शास्त्री ने अनुसूचित जनजाति समुदाय द्वारा निर्मित उत्पाद योगी को भेंट किए।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि अनुसूचित जनजाति समाज पर केंद्रित एक महोत्सव भी होना चाहिए। इस अवसर पर अपर मुख्य सचिव वित्त संजीव मित्तल, अपर मुख्य सचिव बेसिक शिक्षा रेणुका कुमार, अपर मुख्य सचिव मुख्यमंत्री एसपी गोयल, अपर मुख्य सचिव पंचायतीराज एवं ग्राम्य विकास मनोज कुमार सिंह, अपर मुख्य सचिव कृषि देवेश चतुर्वेदी तथा प्रमुख सचिव समाज कल्याण बीएल मीणा आदि उपस्थित थे।
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