झज्जर मेडिकल कॉलेज (Jhajjar World medical college) के छात्रों को भड़का कर आंदोलन के नाम पर अपनी राजनीति साधने का षडयंत्र करने वाले योगेश यादव की अग्रिम जमानत याचिका शनिवार को निचली अदालत ने खारिज कर दी. योगेश यादव पर झज्जर सीएमओ की शिकायत के आधार पर हरियाणा पुलिस द्वारा कई मामलों में प्राथमिकी दर्ज की गई थी जिसे लेकर योगेश यादव ने अग्रिम जमानत हेतु याचिका दायर की थी जिसे कोर्ट ने शनिवार को ख़ारिज कर दिया.
वहीं अब इसके बाद अभियुक्त योगेश यादव पर कार्रवाई होने का रास्ता साफ हो गया है. गौरतलब है कि योगेश यादव पर सिविल अस्पताल में प्रैक्टिस कर रहे झज्जर वर्ल्ड मेडिकल कॉलेज के छात्रों से अभद्रता करने तथा अस्पताल प्रशासन में दखलअंदाजी करने का आरोप लगाया गया था. जिस की गंभीरता को समझते हुए झज्जर सीएमओ ने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई और पुलिस ने कार्रवाई करते हुए विभिन्न धाराओं में प्राथमिकी दर्ज की. जिसके बाद से योगेश यादव फरार चल रहा है.
वैसे देखा जाए तो योगेश यादव और झज्जर मेडिकल कॉलेज के छात्रों को लेकर यह पहला मामला नहीं है, इससे पहले झज्जर वर्ल्ड मेडिकल कॉलेज में चल रहे आंदोलन का सूत्रधार इसी योगेश यादव को बताया जाता है. कॉलेज प्रशासन द्वारा यह आरोप लगाया गया था कि योगेश यादव ने कॉलेज के छात्रों को बरगलाकर और कॉलेज प्रशासन के विरुद्ध भड़का कर आंदोलन के लिए खड़ा कर दिया. जिससे न सिर्फ कॉलेज प्रशासन की छवि kjjhको नुकसान पहुंचा बल्कि छात्रों की पढ़ाई का भी भयानक नुकसान हुआ.
झज्जर वर्ल्ड मेडिकल कॉलेज के विरुद्ध गतिविधियों में योगेश यादव की समय-समय पर संलिप्तता से यह स्पष्ट हो जाता है कॉलेज में विगत कुछ माह से चल रहे आंदोलन का घटनाक्रम पूरी तरह से एक निजी दुश्मनी और द्वेष भावना से प्रेरित था, जिसे छात्र आंदोलन का नाम देकर कॉलेज की छवि को नुकसान पहुंचाने की चेष्टा की गई. योगेश यादव का भविष्य क्या होगा यह तो समय ही बताएगा लेकिन वर्ल्ड मेडिकल कॉलेज के आंदोलनरत छात्रों के समय और पढ़ाई का काफी नुकसान अब तक योगेश यादव द्वारा किया जा चुका है.
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