उत्तर प्रदेश कांग्रेस पार्टी (यूपीसीसी) ने तीन दिन पहले कोरोना संकट के दौरान सामने आई अव्यवस्थाओं और वैक्सीनेशन की रफ्तार बढ़ाने की मांग को लेकर राज्यपाल आनंदीबेन पटेल से मिलने का समय मांगा था। राजभवन (Raj Bhawan) से सिर्फ चार कांग्रेस नेताओं (Congress Leaders) को ही राज्यपाल से मिलने की परमिशन मिली, लेकिन शुक्रवार को अचानक राज्यपाल ने उनसे मिलने से इंकार कर दिया। अब कांग्रेस नेता ने इसे यूपी के इतिहास का काल दिन करार देकर राज्यपाल पर मर्यादाओं को तार-तार करने का आरोप लगाया है। साथ ही प्रदेश में वैक्सीनेशन की रफ्तार धीमी होने का दावा करते हुए योगी सरकार को भी आड़े हाथों लिया है।
कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू ने कहा कि आज यूपी के लिए काला दिन है। कांग्रेस ने 3 दिन पहले संविधान की रक्षक राज्यपाल से एक प्रतिनिधिमंडल लेकर मिलने की अनुमति मांगी थी। हम यूपी में कोरोना संकट के दौरान हजारों लोगों के दम तोड़ने के मुद्दे और वैक्सीनेशन की धीमी रफ्तार को बढ़ाने की मांग को लेकर राज्यपाल से मिलकर उन्हें एक ज्ञापन सौंपना चाहते थे। जिस पर पहले राजभवन से सिर्फ मुझे और मेरे साथ कांग्रेस नेता पीएल पुनिया, विधान परिषद दल के नेता दीपक सिंह और नसीमुद्दीन सिद्दीकी समेत सिर्फ 4 लोगों को ही मिलने की अनुमति दी गई। फिर न जाने किसके दबाव में राज्यपाल ने अनुमति के बावजूद मिलने से इंकार कर दिया।
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अजय कुमार लल्लू ने कहा कि तपती धूप में कांग्रेस के कई नेता राजभवन के गेट पर 50 मिनट तक खड़े रहते हैं, जिसके बाद एडीसी आकर कांग्रेस का ज्ञापन लेकर वापस चले जाते हैं। महामहिम ने मर्यादाओं को तार-तार किया। विधायक, विधानपरिषद दल के नेता और पूर्व मंत्री-विधायक राज्यभवन के गेट पर खडे रहे, लेकिन स्वागत कक्ष तक जाने की अनुमति नही दी गई।
कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि अगर विपक्ष के रूप में कांग्रेस सरकारी व्यवस्था पर सवाल उठाना चाहती है? वैक्सीनेशन पर अपनी बात रखना चाहती है तो महामहिम को किस बात का डर लग रहा है? क्या विपक्ष की आवाज को नहीं सुना जायेगा? क्या विपक्ष की आवाज को ऐसे दबाया जायेगा? उत्तर प्रदेश में 22 करोड़ की आबादी है और अब तक महज 34 लाख लोगों को वैक्सीन लग पाई है. यानि 1.74 प्रतिशत ही वैक्सीनेशन हो सका है।
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उन्होंने कहा कि आज पूरे देश में यूपी सबसे कम वैक्सीनेशन वाले राज्य के रूप में जाना जा रहा है। अगर यूपी में इसी रफ्तार से वैक्सीनेशन हुआ तो पूरे प्रदेश के वैक्सीनेशन में करीब 150 माह और 13 साल लग जायेंगे। ये उत्तर प्रदेश सरकार का चाल, चरित्र और चेहरा है। सरकार सिर्फ आंकड़ों के हेराफेरी और हेडलाइन मैनेजमेंट में जुटी है। अजय कुमार लल्लू ने बताया कि ज्ञापन में मांग की गई है कि वैक्सीनेशन बड़े स्तर पर हो। रोजाना 1 करोड़ लोगों को टीका लगाए जाए।
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