उत्तर प्रदेश को लेकर सोशल मीडिया पर अफवाह फैलाते हैं तो सुधर जाएं क्योंकि सूबे की योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) सरकार इसे लेकर सख्त हो गई है. गाजियाबाद (Ghaziabad) के लोनी (Loni) की घटना को लेकर अफवाह फैलाने वालों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराने के बाद अब सीएम योगी आदित्यनाथ ने सीधे शब्दों में अधिकारियों को निर्देश दिया है कि वह सोशल मीडिया पर दुष्प्रचार करने वालों पर कठोरता से कार्रवाई करें.
लोनी घटना पर नाराजगी व्यक्त करते हुए सीएम योगी ने बुधवार को एक हाईलेवल मीटिंग के कहा कि सोशल मीडिया पर दुष्प्रचार करने वालों के खिलाफ कठोरता से कार्रवाई की जाए. उन्होंने कहा कि फेक वीडियो, फेक न्यूज के प्रसार करने वालों से सख्ती से निपटा जाए. सीएम ने बेहद सख्त लहज़े में कहा कि साम्प्रदायिक उन्माद फैलाने की एक भी कोशिश स्वीकार नहीं कि जाएगी.
बता दें कि ग़ाज़ियाबाद (Ghaziabad) के लोनी बॉर्डर (Loni Border) पर मुस्लिम मौलाना अब्दुल समद (Abdul Samad) के साथ हुई मारपीट और दाढ़ी काटने के मामले को धार्मिक रंग देने के आरोप में मामला दर्ज किया है. पुलिस ने 8 लोगों के ख़िलाफ़ मामला दर्ज किया है, जिसमें ट्विटर के अधिकारी भी शामिल हैं. लोनी बॉर्डर थाने में सब इंस्पेक्टर ने FIR कराई है. आईपीसी की धारा 153, 153A, 295A, 505, 120B एवं 34 में केस दर्ज किया गया है. पुलिस ने इन सभी पर ट्विटर के जरिए धार्मिक भावनाएं भड़काने का आरोप लगाया है.
गाजियाबाद पुलिस ने बताया कि ट्विटर समेत 9 लोगों के खिलाफ FIR दर्ज की गई है. आरोपियों में कुछ कथित पत्रकार भी शामिल हैं. इन सभी पर बुजुर्ग की पिटाई से संबंधित वीडियो को सांप्रदायिक रंग देकर वायरल कराने का आरोप है. ट्विटर पर आरोप है कि पुलिस द्वारा स्पष्टीकरण दिए जाने के बावजूद भी इस वीडियो को नहीं हटाया गया. इन सभी पर धारा 153 यानी दंगा भड़काने, धारा-153A, दो संप्रदायों के बीच वैमनस्य फ़ैलाने, 295a- धार्मिक भावनाएं भड़काने और 120b यानी आपराधिक साजिश से जुड़ी धाराओं में मामला दर्ज किया गया है.
इनके खिलाफ दर्ज हुई FIR
पुलिस ने जिनके खिलाफ एफआईआर दर्ज की है, उनके नाम हैं Alt News से मोहम्मद जुबैर, राणा अयूब, The Wire, सलमान निजामी, मसकूर उस्मानी, समा मोहम्मद, सबा नक्की, Twitter INC और twitter communication india PVT. एफआईआर में साफ तौर पर आरोप लगाया गया है कि उपरोक्त लोगों ने बिना मामले की सच्चाई जाने पीड़ित अब्दुल समद की पिटाई और उनके साथ हो रहे अभद्र व्यवहार की वीडियो के जरिये मामले को सांप्रदायिक रंग दे दिया. साथ ही, ये भी आरोप लगाया गया है कि इनके ट्वीटर हैंडल्स से जो प्रसारित किया गया वो किसी व्यक्ति विशेष की राय मात्र नहीं थी बल्कि वो किसी स्पष्ट मंशा के तहत प्रसारित किए गए जोकि एक बड़े आपराधिक षड्यंत्र की तरफ इशारा कर रहे हैं.
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