उत्तर प्रदेश के उन्नाव जिले में एक युवक की सड़क हादसे में मौत हो गई। जिसके बाद मृतक के परिजनों ने मुआवजे की मांग के लिए जमकर हंगामा काटा। इस हंगामा को रोकने पहुंची पुलिस टीम पर जमकर पथराव किया गया। बड़ी बात ये है कि इस दौरान पुलिसकर्मियों के पास अपने बचाव के लिए कुछ समान नहीं था। कई पुलिसकर्मी खुद के बचाव के लिए सिर पर स्टूल रखे दिखाई दिए। जिसके बाद डीजीपी ने मामले में नाराजगी दिखाई है। मामले में उन्नाव के एसपी से डीजीपी ने स्पष्टीकरण मांग लिया है। वहीं स्थानीय थानेदार को सस्पेंड कर दिया है।
डीजीपी ने जताई नाराजगी
जानकारी के मुताबिक, मंगलवार को उन्नाव में हुए एक सड़क हादसे में मृत दो युवकों के शव लेकर बुधवार सुबह स्वजन ने उन्नाव-शुक्लागंज मार्ग जाम कर दिया। पुलिस ने उनको वहां से हटने की अपील की। समझाने पर भी ग्रामीणों के नहीं मानने पर पुलिस ने बल प्रयोग करते हुए लाठियां पटकनी शुरू कर दीं। इससे गुस्साए ग्रामीणों ने पुलिस पर पथराव शुरू कर दिया। कई वाहन तोड़ डाले। बवाल बढऩे पर कई थानों का फोर्स, स्वाट टीम व महिला विंग भी बुलाई गई।
बड़ी बात ये है कि लोगों का रौद्र रूप देखने के बावजूद पुलिसकर्मी वहां तैयारी के साथ नहीं पहुंचे। किसी पुलिसकर्मी के पास बॉडी प्रोटेक्टर, सिर पर हेलमेट नजर नहीं आए। नतीजा, पथराव में एसडीएम सदर, सीओ, एक दारोगा समेत 18 पुलिसकर्मियों के सिर फूटने से वह लहूलुहान नजर आए। पथराव के दौरान पुलिस ने स्टूल और डलिया को अपना कवच बनाया था। सोशल मीडिया में ये तस्वीरें और वीडियो वायरल हो गया, जिस पर डीजीपी ने कार्रवाई की है। दंगा रोधी उपकरण होने के बावजूद स्टूल, डलिया के इस्तेमाल से डीजीपी नाराज़ हैं। डीजीपी ने मामले में एसपी से स्पष्टीकरण मांगा है।
स्टूल से बचाव करने वाले सिपाही सस्पेंड
डीजीपी की नाराजगी के बाद अब उन्नाव एसपी आनंद कुलकर्णी ने सदर कोतवाली के इंस्पेक्टर दिनेश मिश्रा को सस्पेंड कर दिया है। वहीं फोटो में स्टूल, डलिया लगाए दिखे दो सिपाही भी सस्पेंड हो गए हैं। इनमें कोतवाली का हेड कांस्टेबल विजय कुमार और पुलिस लाइन का कांस्टेबल रामाश्रय यादव का नाम शामिल है। उन्नाव एसपी ने एडिशनल एसपी शशिशेखर सिंह से इस संबंध में स्पष्टीकरण मांगा है।
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