उत्तर प्रदेश में धर्मांतरण (Conversion) रैकेट की जड़ें काफी भीतर तक घुसीं हुईं पाई गईं. मज़हबी फरेब को लेकर हर रोज नए-नए खुलासे हो रहे हैं, जिनमें बहला-फुसलाकर, पैसे का लालच या डरा-धमकाकर लोगों को मुसलमान बनाया गया है. ताजा मामला यूपी के फतेहपुर (Fatehpur) जिले का है जहाँ धर्मान्तरण मामले में आरोपी उमर गौतम (Umar Gautam) उर्फ़ श्याम प्रताप गौतम जो की जिले के थरियांव थाना क्षेत्र के पंथुवा गाँव का रहने वाला था जो 1979 में जिला छोड़कर नैनीताल के पंतनगर चला गया था जिसके बाद वह वही दिल्ली चला गया, जिसके बाद उसने अपना धर्म परिवर्तन कर इस्लाम धर्म कबूल कर लिया और हजारों लोगों का पैसे का प्रलोभन देकर धर्म परिवर्तन करा दिया.
इसी बीच उसका जिले में लगातार आना जाना था और शहर के एक नामचीन स्कूल नुरुल हुदा में भी उसका आना जाना था, और उसी स्कूल में काम करने वाली महिला टीचर ने एक बड़ा खुलासा करते हुए बताया की वर्ष 2020 में 20 से 25 मौलानाओं के साथ उमर गौतम स्कूल में आया था और महिला टीचर को मौलानाओं ने धर्म परिवर्तन करने दबाव बनाया था.
फतेहपुर जिले की शहर स्थित बाकरगंज मोहल्ले की रहने वाली महिला टीचर कल्पना सिंह ने बड़ा खुलासा करते हुए बताया कि शहर के एक नामचीन स्कूल नुरुल हुदा में भी उसका आना जाना था और उसी स्कूल में वर्ष 2020 में 20 से 25 मौलानाओं के साथ उमर गौतम स्कूल में आया था और महिला टीचर को मौलानाओं ने धर्म परिवर्तन करने दबाव बनाया था.
टीचर ने बताया कि स्कूल में पढने वाले हिन्दू बच्चों को उर्दू व अरबी पढ़ाया जाता था. जिसका मेरे द्वारा विरोध किया गया तो मुझे स्कूल से बाहर निकाल दिया गया, जिसके बाद मेरे द्वारा जिले के सदर कोतवाली में तहरीर देकर सुसंगत धाराओं में स्कूल के प्रबंधक शरीफ मौलाना व उसके पुत्र उमर शरीफ के खिलाफ धारा 406,504,506 के तहत मुकदमा दर्ज कराया गया लेकिन पुलिस ने इस मामले में एफआर लगा दिया, नाही पुलिस ने स्कूल प्रबंधतंत्र से कोई पूछताछ की और मामले को ठन्डे बस्ते में दाल दिया.
( देश और दुनिया की खबरों के लिए हमें फेसबुक पर ज्वॉइन करें, आप हमें ट्विटर पर भी फॉलो कर सकते हैं. )